इस टापू पर रहते हैं सिर्फ पुरूष, मिला विश्व धरोहर का दर्जा

Tuesday, Jul 11, 2017 - 02:12 PM (IST)

ओकिनोशिमाः जापान के ओकिनोशिमा टापू को यूनेस्को ने वर्ल्ड हैरीटेज (विश्व धरोहर) घोषित किया है। धार्मिक रूप से पवित्र माने जाने वाले ओकिनोशिमा टापू पर महिलाएं नहीं जा सकतीं। इसके साथ ही पुरुषों को भी इस टापू पर जाने से पहले निर्वस्त्र होकर नहाना जरूरी होता है। यहां नियम इतने कड़े हैं कि पूरे साल में सिर्फ 200 पुरुष ही इस टापू पर जा सकते हैं। टापू पर मुनाकाता ताइशा ओकित्सु मंदिर मौजूद है जहां समुद्र की देवी की पूजा की जाती है। ओकिनोशिमा में 17वीं शताब्दी में जहाजों की सुरक्षा के लिए पूजा की जाती थी। 

700 वर्ग मीटर में फैला यह टापू जापान के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में है। चौथी से लेकर नौवीं शताब्दी तक यह टापू कोरियाई प्रायद्वीप और चीन के बीच व्यापार का केंद्र हुआ करता था। पोलैंड में बीते रविवार को यूनाइटेड नेशंस के संगठन यूनेस्को की सालाना बैठक में इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। हर साल 27 मई को 200 पुरुषों को इस पवित्र स्थल पर जाने दिया जाता है। इसके बाद वे 1904-05 के बीच रूसी-जापानी युद्ध के समय आसपास हुई समुद्री लड़ाई में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं।

इतना ही नहीं यहां आने वाले पुरुषों को अपने साथ कोई यादगार चीज ले जाने की भी इजाजत नहीं होती और उन्हें इस दौरे के बारे में भी किसी से कुछ भी साझा नहीं करना होता है। महिलाओं को इस टापू पर न आने देने के पीछे की वजह हालांकि अब तक स्पष्ट नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड्स की वजह से महिलाओं को यहां नहीं आने दिया जाता था क्योंकि उस दौरान वे अशुद्ध मानी जातीं थीं तो कुछ का मानना है कि समुद्र की यात्रा खतरनाक होती थी और पुरुष अपने बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं की जान खतरे में नहीं डालना चाहते थे। 

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