जापान में तलाक के बाद दोबारा शादी के लिए महिलाओं को करना पड़ता है इतना लंबा इंतजार, जानें पीछे की वजह?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 09:54 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। शादी जो न केवल दो व्यक्तियों बल्कि दो परिवारों का भी पवित्र बंधन है हर कोई चाहता है कि यह अटूट रहे लेकिन जीवन में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब रिश्ते में कड़वाहट घुल जाती है और तलाक ही एकमात्र विकल्प बचता है। हालांकि जापान में तलाक को लेकर कुछ ऐसे विशेष नियम हैं खासकर महिलाओं के लिए जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो सकते हैं। यहां तलाक के बाद महिलाओं को कुछ समय तक पुनर्विवाह करने की अनुमति नहीं है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

जापान में शादियों को सामाजिक रूप से काफी महत्व दिया जाता है और परिवार इस पर जोर देते हैं। जापानी संस्कृति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और एक-दूसरे को स्पेस देने की गहरी मान्यता है यही वजह है कि पति-पत्नी भी एक-दूसरे की निजता का सम्मान करते हैं। शायद यही कारण है कि जापान में शादियां अक्सर लंबे समय तक चलती हैं लेकिन अगर दुर्भाग्य से तलाक होता है तो महिलाओं के लिए पुनर्विवाह से जुड़े कुछ खास नियम हैं।

जापान में तलाक के बाद एक महिला को 100 दिनों तक दोबारा शादी करने की अनुमति नहीं है। हालांकि इस नियम में कुछ अपवाद भी हैं। यदि महिला अपने पूर्व पति से ही दोबारा शादी करना चाहती है तो यह नियम लागू नहीं होता।

 

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दिलचस्प बात यह है कि पहले जापान में यह नियम और भी सख्त था। एक महिला अपनी पिछली शादी के खत्म होने या तलाक के बाद पूरे छह महीने तक शादी नहीं कर सकती थी। यह नियम विशेष रूप से महिलाओं पर लागू होता था जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था।

हालांकि लगभग तीन साल पहले जापान की कैबिनेट ने तलाक के बाद पुनर्विवाह के इस 100-दिन के नियम में महत्वपूर्ण बदलाव किया। इस नए कानून के तहत तलाकशुदा महिलाएं अब अपनी मर्जी के अनुसार कभी भी शादी कर सकती हैं बशर्ते तलाक को 100 दिन बीत चुके हों।

 

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जापान का यह पुराना कानून 1896 से चला आ रहा था और यह केवल महिलाओं पर ही लागू होता था। इस नियम का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बच्चे के जन्म के बाद पिता अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटें खासकर उन मामलों में जहां तलाक के तुरंत बाद महिला दूसरी शादी कर लेती है और बच्चे के पितृत्व को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

इस कानून में 2016 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया था। इससे पहले जापान का सिविल कोड का अनुच्छेद 733 महिलाओं को तलाक के बाद छह महीने तक पुनर्विवाह की अनुमति नहीं देता था। अब 100 दिनों की अवधि के साथ जापान ने महिलाओं के अधिकारों और बच्चों के हितों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। यह नियम जापानी समाज में तलाक और पुनर्विवाह से जुड़े सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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