इजरायल ने 'फादी-1' मिसाइल हमले का दिया जवाब, 100 लड़ाकू विमानों से हिज्बुल्लाह के 120 ठिकानों पर की बमबारी, जंग में US की हो सकती एंट्री
punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2024 - 12:13 PM (IST)
International Desk: इजरायल और हिज्बुल्लाह (Israel-Hezbollah के बीच हालिया संघर्ष ने लेबनान और इजरायल (Lebanon and Israel) की सीमाओं पर गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। सोमवार को, इजरायल ने हिज्बुल्लाह के 130 से अधिक रॉकेट हमलों के जवाब में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिनमें 100 से अधिक इजरायली लड़ाकू विमानों (Israeli fighter jets) ने लगभग 120 टारगेट को निशाना बनाया। ये हमले लेबनान के दक्षिणी हिस्से में हुए, जहां हिज्बुल्लाह की सैन्य इकाइयाँ स्थित थीं। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) के प्रवक्ता ने बताया कि हिज्बुल्लाह के मिसाइल और रॉकेट लॉन्चिंग साइट्स, इंटेलिजेंस यूनिट्स, और रादवान फोर्सेज (हिज्बुल्लाह की विशेष कमांडो यूनिट) को विशेष रूप से निशाना बनाया गया।
यह हवाई हमला उस समय हुआ जब इजरायल 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमलों की बरसी पर शोक सभाएं आयोजित कर रहा था। ठीक एक साल पहले, हमास ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमले किए थे, जिसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर भीषण हमले शुरू किए थे, जो अब तक जारी हैं। गाजा में हुए संघर्ष में 42,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमास की रॉकेट दागने की क्षमता इजरायली हमलों से कमजोर हो चुकी है, लेकिन हिज्बुल्लाह की सैन्य गतिविधियां इस संघर्ष में एक नया मोर्चा बनाती नजर आ रही हैं।
हिज्बुल्लाह का हमला
इजरायल के इन हमलों से पहले, हिज्बुल्लाह ने सोमवार को इजरायल के हाइफा शहर पर 135 'फादी-1' मिसाइलें दागीं। यह मिसाइल पहली बार इस्तेमाल की गई थी और इससे हाइफा में बड़ा नुकसान हुआ, जिसमें 10 से अधिक लोग घायल हुए। हिज्बुल्लाह का यह हमला इजरायल के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। हाइफा, इजरायल का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, और वहां मिसाइल हमले के कारण लोगों में दहशत फैल गई, जिससे कई नागरिक बम शेल्टरों में छिपने पर मजबूर हो गए। इजरायली शहरों में सायरन लगातार बजते रहे, और स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इजरायल का ग्राउंड ऑपरेशन
हवाई हमलों के साथ-साथ इजरायल ने लेबनान में अपना ग्राउंड ऑपरेशन भी बढ़ा दिया है। IDF की थर्ड डिवीजन अब इस ऑपरेशन का हिस्सा है। यह लेबनान में चल रहे कई ऑपरेशनों में से एक है, जिसमें पहले ही कई 'क्लोज्ड मिलिट्री जोन' घोषित किए जा चुके हैं। IDF के अनुसार, इन हवाई हमलों का उद्देश्य हिज्बुल्लाह की कमांड और कंट्रोल क्षमताओं को खत्म करना और उनके फायरिंग पॉइंट्स को नष्ट करना था, ताकि ग्राउंड ऑपरेशन को सफलता मिल सके। इजरायल ने अपने सैनिकों को समर्थन देने के लिए यह आक्रामक रणनीति अपनाई है।
संघर्ष बढ़ा तो होगी अमेरिका की एंट्री
इस संघर्ष में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि इजरायल ने हाल ही में ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमलों का बदला लेने का संकल्प लिया है। ईरान ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर मिसाइलें दागी थीं, जिसका इजरायल अब जवाब देने की तैयारी कर रहा है। तेहरान ने चेतावनी दी है कि यदि इजरायल ने उसकी धरती पर हमला किया, तो वह इसका कड़ा जवाब देगा। अमेरिका के भी इस संघर्ष में शामिल होने की संभावना है, क्योंकि वह इजरायल को महत्वपूर्ण सैन्य और कूटनीतिक सहायता प्रदान करता है। अगर ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो अमेरिका इजरायल की रक्षा में युद्ध में उतर सकता है। ऐसे में इस क्षेत्र में युद्ध के और भी भयंकर होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
बता दें कि इस समय, लेबनान और इजरायल दोनों ही ओर भारी सैनिक गतिविधियां देखी जा रही हैं। इजरायली आयरन डोम ने हिज्बुल्लाह के कुछ रॉकेटों को हवा में ही मार गिराया, जबकि कुछ खाली स्थानों पर गिरे। इस संघर्ष से क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है, और इससे मध्य पूर्व के अन्य देशों के भी शामिल होने की आशंका बढ़ गई है।