नेतन्याहू का ऐलान- नई बस्तियां बनाएगा इजरायल, बाइडन की नाराजगी का जोखिम लिया

Tuesday, Jan 12, 2021 - 06:01 AM (IST)

यरुशलमः इजराइल ने अपने कब्जे वाले पश्चिम तट के इलाके में सोमवार को 800 नए घरों के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाया है। हालांकि उसके इस कदम से अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के साथ उसके रिश्तों में तनाव आ सकता है। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की तरफ से इस कदम की घोषणा करते हुए कहा गया कि इसमें उस बस्ती में 100 घरों का निर्माण किया जाना भी शामिल है जहां पिछले महीने कथित तौर पर फलस्तीनी हमलावरों द्वारा किये गए हमले में एक इजराइली महिला की मौत हो गई थी। इस घोषणा से मार्च में होने वाले चुनावों से पहले नेतन्याहू के दक्षिण-पंथी रुख को मजबूती मिलेगी लेकिन इससे बाइडन की नाराजगी का जोखिम भी संभव है जो बस्तियों के विस्तार का विरोध करते हैं और पूर्व में इस मुद्दे पर इजराइल के साथ उनका टकराव हो चुका है। 

इजराइल ने 1967 की जंग में पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा किया था जबकि फलस्तीनी इसे अपने भविष्य के लिए अपने पास चाहते हैं। पश्चिमी तट पर फैली बस्तियों में करीब पांच लाख इजराइली रहते हैं। फलस्तीनी इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और शांति में बाधा के तौर पर देखते हैं। फलस्तीन के इस रुख को व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी हासिल है। फलस्तीनी प्राधिकार के विदेश मंत्रालय ने इन नई घोषणा की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार छोड़ने से पहले इन बस्तियों के निर्माण को लेकर इजराइल “हड़बड़ी” दिखा रहा है। 

ट्रंप प्रशासन से इजराइल को अभूतपूर्व समर्थन मिला जिसमें अमेरिका की बस्तियों के विरोध की दशकों पुरानी नीति को छोड़ना भी शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ पिछले साल पश्चिमी तट की बस्ती में जाने वाले पहले शीर्ष अमेरिकी कूटनीतिज्ञ बने थे।

बाइडन हालांकि बराबरी के व्यवहार करने की रणनीति का संकल्प व्यक्त कर रहे हैं जिसमें वह ट्रंप प्रशासन द्वारा फलस्तीनियों की रोकी गई सहायता को फिर से बहाल करेंगे और शांति वार्ता को फिर से शुरू करने की दिशा में काम करेंगे। दोनों पक्षों के बीच करीब एक दशक से कोई ठोस शांति वार्ता नहीं हुई है। मार्च में चुनावों ने नेतन्याहू को पद से हटाने की तैयारी में जुटे इजराइली विपक्षी नेता येर लापिड ने बस्तियों की घोषणा को “गैर जिम्मेदाराना कदम” करार दिया जिससे नए अमेरिकी प्रशासन के साथ “लड़ाई” भड़क सकती है। 

Pardeep

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