ISIS ने काबुल गुरुद्वारा हमले को बताया पैगंबर के अपमान का बदला, कहा- सबक सिखाया
Monday, Jun 20, 2022 - 11:25 AM (IST)
काबुलः अफगानिस्तान में शनिवार को एक गुरुद्वारे पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है और इसे पैगंबर के ‘समर्थन में किया गया कार्य' बताया है। इस हमले में सिख समुदाय के एक सदस्य समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। आतंकी समूह की वेबसाइट ‘अमाक' पर पोस्ट किए गए बयान में इस्लामिक स्टेट से संबंद्ध इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रोविंस (ISKP) ने कहा कि शनिवार को किया गया हमला हिंदुओं, सिखों और उन धर्मभ्रष्ट लोगों के खिलाफ है जिन्होंने अल्लाह के दूत का अपमान करने में साथ दिया। ISKP ने कहा कि ये हमला पैगंबर पर टिप्पणी करने वालों के लिए एक सबक है।
पैगंबर पर की गई टिप्पणी का बदला लिया
आतंकी समूह ने कहा कि उसका एक लड़ाका सुरक्षा गार्ड की हत्या करने के बाद हिंदुओं और सिखों के ‘मंदिर में घुसा और अंदर मौजूद श्रद्धालुओं पर अपनी मशीन गन से गोलीबारी की और हथगोले फेंके। शनिवार सुबह काबुल के बाग ए बाला क्षेत्र में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला हुआ। हालांकि, अफगान सुरक्षा कर्मियों ने विस्फोटक लदे एक ट्रक को गुरुद्वारा परिसर में घुसने से रोक कर एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया। अफगानिस्तान में गुरुद्वारे पर यह एक और लक्षित हमला था। वहीं, तालिबान के सुरक्षा बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया। ISKP ने एक वीडियो संदेश में भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की ओर से पैगंबर पर की गई टिप्पणी का बदला लेने के लिए हिंदुओं पर हमला करने की चेतावनी दी थी।
पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने हमले की निंदा की
इसके कुछ दिनों बाद गुरुद्वारे पर यह हमला हुआ है। अतीत में भी, ISKP ने अफगानिस्तान में हिंदुओं, सिखों और शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली थी। इस बीच, काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की अफगान नेताओं और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी आलोचना की। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने हमले की निंदा की और इसे "आतंकवादी घटना" करार दिया। अफगान उच्च शांति परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी हमले की निंदा की। तोलो न्यूज़ से अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, “मैं कार्ते परवान में हमारे सिख समुदाय के गुरुद्वारे पर हुए जघन्य और कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।” अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने ट्विटर पर कहा कि वह काबुल में एक सिख गुरुद्वारे हमले की कड़ी निंदा करता है।
जलालाबाद में तेजी से घटी सिखों की संख्या
2018 में, एक आत्मघाती हमलावर ने पूर्वी शहर जलालाबाद में एक सभा पर हमला किया था, जबकि 2020 में एक अन्य गुरुद्वारे पर हमला किया गया। सुखबीर सिंह खालसा ने कहा, “ जलालाबाद में हुए हमले के वक्त करीब 1500 सिख थे, उसके बाद लोगों ने सोचा, 'हम यहां नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा कि 2020 में हमले के बाद और अधिक लोग यहां से चले गए और पिछले साल तालिबान के सत्ता में आने तक 300 से भी कम सिख बचे थे और अब करीब 150 सिख हैं। सिंह ने कहा, “हमारे सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारे पहले ही नष्ट हो चुके हैं, और अब केवल एक ही बचा है, उसपर भी हमला हो गया।” पिछले साल अगस्त में तालिबान के काबुल की सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट लगातार हमले कर रहा है।