"मरने से बचना है तो छोड़ दो मोबाइल...", इजराइली खतरे से डरा ईरान, अफसरों को मिला नया साइबर अलर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 04:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर चरम पर है। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती टकराव की स्थिति ने अब तकनीकी मोर्चे पर नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में हिज़बुल्लाह के खिलाफ इजराइल द्वारा किए गए पेजर अटैक ने ईरान की नींद उड़ा दी है। अब इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए ईरान की साइबर सुरक्षा कमांड ने एक बड़ा फैसला लिया है। ईरान की सरकार ने अपने सभी उच्च अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और कमांड टीमों को आदेश दिया है कि वे पब्लिक कम्युनिकेशन और टेलीकम्युनिकेशन डिवाइसेज का इस्तेमाल न करें। मतलब साफ है—मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, वायरलेस डिवाइसेज और GPS से लैस किसी भी डिवाइस को या तो बंद कर दें या फिर इस्तेमाल ही न करें।
लोकेशन ट्रैकिंग से डर, मर्डर मिशन की साजिश का शक
फार्स न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान को आशंका है कि इजराइल इन उपकरणों के ज़रिए अफसरों की लोकेशन ट्रैक कर सकता है और फिर टारगेटेड मर्डर कर सकता है। यह डर कोई कल्पना नहीं है बीते सालों में कई बार ऐसा हो चुका है जब इजराइल ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को मारने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया।
पेजर अटैक से मिली चेतावनी
हिज़बुल्लाह के खिलाफ हाल ही में किया गया इजराइली पेजर अटैक इसी रणनीति का हिस्सा था। पेजर जैसे दिखने वाले उपकरणों के ज़रिए दुश्मनों की लोकेशन ट्रैक कर उन्हें निशाना बनाना इजराइल की नई रणनीति मानी जा रही है। इस घटनाक्रम के बाद ईरान की साइबर यूनिट ने यह आदेश जारी किया कि सभी संवेदनशील पदों पर मौजूद अधिकारी केवल एंटी-ट्रैकिंग डिवाइसेज का ही उपयोग करें। ईरान की साइबर सुरक्षा यूनिट का मानना है कि सिर्फ मोबाइल फोन बंद कर देने से लोकेशन ट्रैकिंग नहीं रुकती। इसलिए अब अधिकारियों से फोन जमा कराने की बात भी कही जा रही है ताकि किसी भी स्थिति में कोई डिवाइस ट्रैक न हो सके।
सांसद ने जताई चिंता
तेहरान के सांसद हामिद रसाई ने सोशल मीडिया पर लिखा, "ईरान के सभी अधिकारियों को अपने फोन खुद सौंप देने चाहिए। हमारी जानें खतरे में हैं और हमें अब सावधानी बरतनी होगी।" इसी के कुछ समय बाद ही यह नया साइबर अलर्ट देशभर में लागू कर दिया गया।
अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस आदेश से कितने विभाग प्रभावित हुए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि यह निर्देश पूरे ईरान के सुरक्षा प्रतिष्ठानों, रक्षा मंत्रालय, परमाणु अनुसंधान केंद्रों और राजनयिक मिशनों तक लागू किया गया है।