रूस के खिलाफ NATO में शामिल होने को तैयार फिनलैंड-स्वीडन, तुर्की बन रहा रोड़ा
Monday, May 16, 2022 - 12:33 PM (IST)
बर्लिनः नार्डिक देश फिनलैंड और स्वीडन रूस के खिलाफ उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य बनने के और करीब पहुंच गए हैं। यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के बीच फिनलैंड की सरकार ने रविवार को नाटो का सदस्य बनने की अपनी चाहत का खुलेआम ऐलान कर दिया। इसके कुछ घंटों बाद स्वीडन की सत्ताधारी पार्टी ने भी नाटो सदस्यता के लिए एक योजना का समर्थन कर दिया। अपनी सीमा के करीब नाटो के पहुंचने को लेकर रूस का रुख लंबे समय से तल्ख रहा है। ऐसे में ताजा घटनाक्रम से मॉस्को को और गुस्सा आना तय है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शनिवार को पहले ही फिनलैंड के राष्ट्रपति को चेतावनी दे चुके हैं कि संबंध ‘नकारात्मक रूप से प्रभावित'होंगे। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रविवार को बर्लिन में नाटो गठबंधन के 30 सदस्य देशों के शीर्ष राजनयिकों की बैठक के बाद कहा कि फिनलैंड और स्वीडन को सदस्य बनाने की प्रक्रिया बहुत तेज हो सकती है। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि यूक्रेन युद्ध जीत सकता है, क्योंकि रूसी सैन्य बढ़त लड़खड़ाती दिख रही है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘‘यूक्रेन में रूसी हमला मॉस्को की योजना के अनुसार नहीं चल रहा। वे कीव लेने में विफल रहे। वे खारकीव के आसपास से कदम वापस खींच रहे हैं, डोनबास में उनका प्रमुख आक्रमण रुक गया है। रूस अपने रणनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पा रहा है।''
हालांकि, नाटो के सदस्य तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने पर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि वे कुर्द उग्रवादियों का समर्थन करते हैं जिन्हें अंकारा आतंकवादी मानता है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने रविवार को बर्लिन में संवाददाताओं से कहा कि फिनलैंड और स्वीडन ने भी तुर्की को रक्षा बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे तुर्की ने ‘अस्वीकार्य' करार दिया था। तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनका देश नाटो के विस्तार के खिलाफ है, बल्कि जो देश आतंक का समर्थन करते हैं और ‘‘हमारा विरोध करने वाली नीतियों का पालन करते हैं, उन्हें नाटो सहयोगी नहीं होना चाहिए।'' स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि तुर्की स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह चाहता है कि उसकी चिंताओं को पहले दूर किया जाए।