कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने में भारतीय महिलाएं हैं सबसे आगे

Wednesday, Oct 14, 2015 - 11:32 AM (IST)

लंदन: जी20 देशों में भारत की महिलाओं को कार्यस्थल पर असमान व्यवहार के सबसे खराब कुछ मामलों का सामना करना पड़ता है लेकिन वे अपने साथ होने वाले उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाने में सबसे आगे रहती हैं।थॉसन रॉयटर्स फाउंडेशन और द रॉकफेलर फाउंडेशन ने इप्सोस मोरी के जरिए 9500 से अधिक महिलाओं के बीच रायशुमारी कराई जिसके अनुसार चार में से केवल एक भारतीय महिला कार्यस्थल पर करियर के समान अवसरों की कमी को बड़ी समस्या मानती है।‘‘जी20 देशों में कामकाजी महिलाओं के समक्ष पांच प्रमुख समस्याएं है।’’
 
 

शीर्षक वाले इस अध्ययन में पाया गया कि भारतीय महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर सबसे बड़ी चुनौतियों की सूची में काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करने की समस्या शीर्ष पर है। देश में 57 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि यह उनके लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय है। भारत में उत्पीडऩ से संबंधित सबसे अधिक आश्चर्यजनक बात सामने आई है।अध्ययन के 27 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्हें कार्यस्थल पर उत्पीडऩ झेलना पड़ा है और अन्य जी20 देशों की महिलाओं की तुलना में भारतीय महिलाओं के उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाने में आगे रहने की सर्वाधिक संभावना है। 

Advertising