सर्जिकल स्ट्राइक के राज़ को अमरीकी थिंक टैंक ने किया बयान

Friday, Sep 30, 2016 - 01:31 PM (IST)

वॉशिंगटन: अमरीका के एक शीर्ष थिंक-टैंक ने आज कहा कि भारत ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों पर पाक के कब्जे वाले कश्मीर में जो लक्षित हमला(सर्जिकल स्ट्राइक)किया है,उसे सावधानीपूर्वक आकलन करने के बाद किया गया था। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने के लिए पूरी तरह पाकिस्तान जिम्मेदार है।  


भारतीय कार्रवाई का जवाब सैन्य कार्रवाई से नहीं दे सकता PAK
अमरीका के शीर्ष थिंक-टैंक कार्नेगी एनडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एश्ले टेलिस ने कहा,‘‘भारत की यह प्रतिक्रिया आनी ही थी। यह पाकिस्तान के लिए एक संकेत है और भारत के लोगों के लिए एक आश्वासन है। मोदी उरी हमले को लेकर पैदा हुए गुस्से को अनुत्तरित नहीं रहने दे सकते।’’टेलिस ने कहा, ‘‘भारत का कदम सावधानीपूर्वक आकलन के साथ उठाया गया।आतंकी लॉन्च पैड पर हमला करने का उद्देश्य यह संदेश देना था कि भारत ने जवाबी कार्रवाई की अपनी आजादी खोई नहीं है लेकिन तनाव को और अधिक बढ़ाने की जिम्मेदारी अब पाकिस्तान पर है।’’ एक सवाल के जवाब में टेलिस ने कहा कि अमरीका संयम की वकालत करेगा लेकिन जब तक प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती का इरादा नहीं रखता है, जो कि असंभाव्य है, तब तक भारत अपने खुद के हितों के अनुरूप चलेगा न कि अमरीकियों के सहनशीलता के अनुरोधों के अनुरूप। टेलिस ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान अभी उलझा हुआ है और वह भारतीय कार्रवाई का जवाब सैन्य कार्रवाई से नहीं दे सकता । लेकिन भारत के खिलाफ अभी तक जिस तरह का युद्ध वह करता आ रहा है, वह वृहद स्तर पर जारी रहेगा।’’  


आतंकी हमलों के बाद भारत-पाक संबंधों में बढ़ा तनाव
सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिक रोसो ने कहा कि पिछले साल जब भारतीय सेना ने म्यांमा में आतंकियों के खिलाफ हमला किया था, तो यह एेसे हमलों का एक संकेत था। उन्होंने कहा,‘‘भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी तनातनी में अन्य नए तरीके भी दिखाए हैं, जैसे आगामी दक्षेस सम्मेलन में शिरकत नहीं करना, दक्षिण एशिया के अन्य देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना और अमरीका के साथ करीबी सुरक्षा संबंधों का इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग घटाने के लिए उसपर दबाव बनाने के लिए करना।’’रोसो ने कहा कि इससे इस्लामाबाद को एकदम सतर्क रहना पड़ सकता है।हालांकि जब एेसे संघर्ष में नए तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है तो स्पष्ट संदेश अहम हो जाता है क्योंकि दोनों पक्षों को एक दूसरे के इरादे पता होने चाहिए। यह आकस्मिक तनाव बढऩे से रोकेगा।

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