पीएम मोदी की SCO समिट के बाद बौखलाए ट्रंप, टैरिफ को लेकर फिर दी धमकी, कहा - ''भारत देर कर रहा''
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 08:47 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक तीखा बयान दिया। ट्रंप ने भारत पर दुनिया में सबसे ज्यादा आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भारत अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत को बहुत कम सामान बेच पाता है। उन्होंने इसे दशकों से चली आ रही "एकतरफा आपदा" करार दिया।
ट्रंप का भारत पर आरोप: एकतरफा व्यापार और उच्च टैरिफ
ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा, "बहुत कम लोग जानते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वह हमारे साथ बड़े पैमाने पर व्यापार करता है। दूसरे शब्दों में, भारत हमें अपने सबसे बड़े ग्राहक के रूप में भारी मात्रा में सामान बेचता है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेच पाते हैं।" उन्होंने भारत पर उच्च आयात शुल्क लगाने का आरोप लगाया, जिसके कारण अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में कारोबार करना मुश्किल हो गया है। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत ने हाल ही में अमेरिकी आयात पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है, लेकिन इसे उन्होंने "बहुत देर से उठाया गया कदम" बताया।
US President Donald Trump posts on Truth Social, says, "What few people understand is that we do very little business with India, but they do a tremendous amount of business with us. In other words, they sell us massive amounts of goods, their biggest “client,” but we sell them… pic.twitter.com/CmD7j4jSdM
— ANI (@ANI) September 1, 2025
रूस से तेल और सैन्य खरीद पर भी निशाना
ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल और सैन्य उपकरण खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम खरीदता है। ट्रंप ने भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया।
50% टैरिफ से भारत-अमेरिका व्यापार पर असर
ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त 2025 से भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लागू किया है, जिसमें 25% बेसलाइन टैरिफ और 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है, जो रूस से तेल खरीदने की सजा के रूप में लगाया गया है। इस कदम से भारत के टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और समुद्री खाद्य जैसे क्षेत्रों पर गहरा असर पड़ा है, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
भारत नें टैरिफ को बताया अनुचित
भारत ने अमेरिकी टैरिफ को "अनुचित और अन्यायपूर्ण" करार देते हुए कहा है कि रूस से तेल आयात 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कई पश्चिमी देश, जिनमें अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं, खुद रूस से व्यापार करते हैं, फिर भी भारत को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने यह भी कहा कि वह अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से तेल खरीद जारी रखेगा।
भारत-अमेरिका रिश्तों में नया मोड़
ट्रंप की इस सख्त टैरिफ नीति ने भारत-अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है। दोनों देश पहले एक-दूसरे को महत्वपूर्ण साझेदार मानते थे, लेकिन इस नीति ने भारत को रूस और चीन जैसे देशों के साथ अपनी साझेदारी मजबूत करने की ओर प्रेरित किया है। रूस पहले से ही भारत का दशकों पुराना विश्वसनीय साझेदार रहा है। भारत ने साफ किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति पर असर
ट्रंप की नीति से वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में यह तनाव दोनों देशों के लिए लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब अपनी व्यापारिक और कूटनीतिक रणनीति में विविधता लाने पर अधिक ध्यान दे सकता है।