परमाणु तकनीक की तस्करी में फिर, पकड़ा गया पाकिस्तान
Friday, Jan 17, 2020 - 10:32 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बिना किसी विशेष योग्यता के ही चोरी और तस्करी के बल पर परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल हासिल करने में कामयाब रहा लिए हैं। अब फिर वह परमाणु तकनीक की चोरी और तस्करी करता हुआ पकड़ा गया है। इसके लिए उसने बाकायदा एक अंतरराष्ट्रीय खरीद नेटवर्क बना रखा है, जो पाकिस्तानी मुखौटा कंपनी के नाम पर अमेरिका से संवेदनशील सामान की खरीद करता है। अमेरिका में इस नेटवर्क के लिए काम करने वाले पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है। अमेरिकी जस्टिस विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि संवेदनशील सामान की चोरी न सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के लिए खतरा है। बल्कि, भारत और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन के लिए और भी बड़ा खतरा है।
यूएस न्याय विभाग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि दोषी ठहराए गए पांचों लोग रावलपिंडी स्थित मुखौटा कंपनी 'बिजनेस वर्ल्ड' के लिए काम करते थे। लेकिन वास्तव में ये पाकिस्तान के एडवांस इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन और पाकिस्तान एटॉमिक इनर्जी कमीशन के लिए अमेरिका से संवेदनशील सामान खरीदने और उसे निर्यात करने का नेटवर्क चलाते थे। इन पांचों की पहचान पाकिस्तान के मुहम्मद कामरान वली, कनाडा के मुहम्मद असहान वली और हाजी वली मुहम्मद शेख, हांगकांग के अशरफ खान मुहम्मद और ब्रिटेन के अहमद वाहीद के रूप में हुई है। अमेरिका की संघीय अदालत ने इन्हें इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनोमिक पॉवर एक्टर और एक्पोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट के उल्लंघन की साजिश रचने का दोषी ठहराया है। राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डेमर्स ने कहा कि ये पांचों उन इकाइयों के लिए संवेदनशील अमेरिकी सामान की तस्करी कर रहे थे, जो वर्षो से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं।
आंतरिक सुरक्षा जांच विभाग के प्रभारी जैसन मोलिना ने कहा कि इन पांचों की करतूत अमेरिकी कानून के उल्लंघन से ज्यादा उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा और क्षेत्रीय देशों के बीच शक्ति संतुलन को प्रभावित करने वाली है। जस्टिस विभाग के मुताबिक, सितंबर, 2014 से अक्टूबर, 2019 के बीच इन पांचों ने अमेरिका से 38 बार पाकिस्तान के लिए सामान निर्यात किए। इन सामान की खरीद मुखौटा कंपनी के लिए दिखाई गई, लेकिन वास्तव में उन्हें एईआरओ और पीएईसी को भेजे गए थे। पाकिस्तान की ये दोनों इकाइयां अमेरिकी वाणिज्य विभाग की इकाइयों की सूची में शामिल हैं। यह विभाग उन संगठनों के लिए निर्यात लाइसेंस को अनिवार्य बनाता है, जिनकी गतिविधियां अमेरिका के राष्ट्रीय हित या विदेश नीति के खिलाफ पाई जाती हैं।