वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति महत्वपूर्ण: अंसारी

Friday, Jun 03, 2016 - 07:34 PM (IST)

ट्यूनिश: उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विश्व में भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि मौजूदा समय में जो भी वैश्विक मंच भारत को अपने साथ नहीं रखेगा, वह अपनी प्रासंगिकता को सीमित कर देगा। डॉ़ असारी ने ट्यूनिशिया की राजधानी ट्यूनिश में ट्यूनीशियायी रणनीतिक अध्ययन संस्थान में भारत और विश्व विषय पर अपने भाषण में कहा कि विश्व की आबादी के छठे भाग और अपने लोगों की बढ़ती क्षमताओं और आकांक्षाओं के मद्देनजर दुनिया में समान भागीदारी और सतत विकास के भविष्य के लिए भारत को बड़ी भूमिका निभानी होगी। 

 
उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय संघर्ष हालांकि खत्म हो गए हैं लेकिन पिछली एक शताब्दी के अनुभवों से पता लगता है कि नयी वास्तविकताओं के प्रति सुरक्षा संरचना की धीमी प्रतिक्रिया के कारण अधिक व्यापक सुधारों के लिए अपेक्षाएं बढ़ गई हैं।   उपराष्ट्रपति ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने वैश्विक आर्थिक प्रणाली में अपनी भूमिका सुरक्षित ली हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद अपने पांच स्थायी सदस्यों की बंधक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत खारिज की जाने वाली ताकत नहीं है, जो विश्व अर्थव्यवस्था से बाहर हो बल्कि उसकी दिलचस्पी विश्व व्यवस्था में बदलाव और सुधार करने के लिए काम करने में है और इसके लिए दखलंदाजी न करने की नीति के दायरे के भीतर बढ़े हुए बाहरी सहयोग की जरूरत है। 
 
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीकी क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और आर्थिक कल्याण में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और वह इस क्षेत्र में अपनी सामरिक और आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का इच्छुक है। उन्होंने आतंकवाद को सब की ङ्क्षचता का विषय बताते हुए कहा कि कुछ देश जबकि राष्ट्र की नीति के उपकरण के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करना जारी रखे हुए हैं, वैश्विक आतंकवाद मुख्य वैश्विक चुनौती और बहुलवादी तथा मुक्त समाज के लिए खतरे के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से संगठित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई से ही निपटा जा सकता है लेकिन इसके लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय संधि का अंगीकार करने जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रारूप का पुनर्संरचित करने की जरूरत है।  
 
डॉ़ अंसारी ने शांति और मानवता के साझे मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध समाजों में खुफिया जानकारियां साझा करने में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि भारत और ट्यूनिया के बीच दोस्ताना और असहमति से रहित संबंध तथा कई मुद्दों पर समान रुख है।  
 
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