चीन को अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए भारत-जापान बढ़ाएंगे रक्षा सहयोग

Wednesday, Sep 06, 2017 - 08:51 PM (IST)

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री की हैसियत से जापान गए अरुण जेतली और उनके जापानी समकक्ष इत्सुनोरी ओनेडेरा के बीच तोक्यो में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत और जापान ने दोहरे उपयोग वाली टेक्नॉलजी सहित रक्षा उत्पादन में वृद्धि के लिए सहयोग बढ़ाने पर बुधवार को सहमति जताई है। भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने का यह निर्णय ऐसे समय में हुआ है जबकि उत्तरी कोरिया के परमाणु परीक्षण के चलते क्षेत्र में तनाव कायम हो गया है और दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन की दावेदारी बढ़ती जा रही है।

मंत्रियों ने जापान-भारत-अमेरिका के बीच जुलाई 2017 में हुए त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास की सफलता पर संतुष्टि जताई और आगे इस तरह के युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को बढ़ाने की मंशा की पुष्टि की। दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि ओनोडेरा ने 2018 के मालाबार युद्धाभ्यास के अगले संस्करण में पी-1 सहित अत्याधुनिक जापानी उपकरणों के भाग लेने की मंशा जताई और जेटली ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया।

दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत-जापान वार्षिक रक्षा मंत्री वार्ता के तहत हुई जिसमें अमेरिका के जल-थल-आकाश में चलने वाले विमान का मुद्दा भी उठा। भारत अपनी नौसेना के लिए जापान से यूएस-2 शिनमायवा विमान खरीदने की योजना बना रहा है। पिछले साल चीन ने इन खबरों पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दी थी कि जापान, भारत को सस्ते दामों पर हथियार बेचने की योजना बना रहा है। चीन ने कहा था कि इस प्रकार का कदम गरिमाहीन है।

इसी महीने प्रस्तावित जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अाबे की भारत यात्रा से पहले भारत और जापान ने आतंकवाद निरोधक सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जतायी है। इसके अलावा दोनों देशों की नौसेना, वायुसेना और थलसेना के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। बैठक में जेटली ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र में भारत के नीतिगत सुधारों की जानकारी दी।
 

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