चीन की इस रणनीति को लेकर चौकन्ने भारत और जापान

Sunday, Nov 06, 2016 - 02:30 PM (IST)

 टोक्यो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा से पहले भारत ने जापान से एक दर्जन US-2i ऐम्फिबीअस (जमीन और पानी पर चलने वाला) एयरक्राफ्ट खरीदने के रुके  प्रॉजैक्ट में फिर जान फूंकी है | इस सौदे की कीमत 10,000 करोड़ रुपए होगी| द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के लिए पी.एम. मोदी 11-12 नवंबर को जापान की यात्रा पर जा रहे हैं|
प्रधानमंत्री की नवंबर में प्रस्तावित जापान यात्रा के दौरान बेहद अहम सिविल न्यूक्लियर डील पर तो मुहर लगने की संभावना है ही, साथ ही भारत की US-2i एयरक्राफ्ट खरीदने की मंशा भी वार्ता का अहम हिस्सा होगी | 

सोमवार 7 नवंबर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में होने वाली डिफेंस अक्वीज़िशन्स काउंसिल (DAC) की मीटिंग में US-2i प्रोजेक्ट पर चर्चा की जाएगी जिसके तहत 6 ऐम्फिबीअस प्लेन नेवी के लिए और 6 कोस्ट गार्ड के लिए खरीदे जाने हैं| चार बड़े टर्बो-प्रॉप्स की मदद से चलने वाला US-2i एयरक्राफ्ट, जमीन के साथ-साथ पानी से भी छोटे टेक-ऑफ कर सकता है|। मूल रूप से तलाश और रैस्क्यू ऑप्रेशन्स के लिए इस्तेमाल होने वाला यह एयरक्राफ्ट, आपातकाल में 30 सैनिकों को 'हॉट जोन' तक ले जा सकता है| प्रस्तावित US-2i डील के पीछे भारत की मंशा एशिया-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ती दखलअंदाजी के खिलाफ कड़ा संदेश देने की है |

भारत और जापान, दोनों चीन की आक्रामक रणनीति को लेकर चौकन्ने हैं| भारत ने अभी तक अमरीका  द्वारा प्रस्तावित चतुष्कोणीय सुरक्षा वार्ता में शामिल होने की बात से इंकार किया है जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं, पर 2014 से भारत और अमरीका के बीच सालाना मालाबार संयुक्तम समुद्री युद्धाभ्याओस में जापान के नियमित रूप से शामिल होने से चीन चिढ़ा हुआ है| US-2i एयरक्राफ्ट डील के लिए बातचीत 2013 से चल रही है पर सौदे की रकम बहुत ज्यादा होने की वजह से यह रुक गई थी| बता दें कि जापान ने सैन्य सामग्री निर्यात करने को लेकर स्व-प्रतिबंध लगाया हुआ था जिसे  5 दशक बाद उसने खत्म कर दिया है| इस प्रतिबंध के हटने के बाद यह जापान के साथ पहला सैन्य सौदा होगा| जापान सौदे की रकम को भी कुछ कम करने पर राजी हो गया है, पहले 12 एयरक्राफ्ट्स की कीमत 10,720 करोड़ रुपए बताई जा रही थी|
 

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