विपक्ष का आरोप-बलूचिस्तान में गुमशुदा लोगों का मुद्दा सुलझाने में विफल रही इमरान सरकार
Saturday, Jul 17, 2021 - 11:50 AM (IST)
पेशावरः पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए जमात-ए-इस्लामी अमीर सीनेटर सिराजुल हक ने कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार तीन साल का शासन पूरा करने के बावजूद गरीबी खत्म करने, लापता व्यक्तियों के मुद्दे को हल करने व बलूचिस्तान में कानून-व्यवस्था बहाल करने में विफल रही है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार जमात-ए-इस्लामी प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली देश की सरकार और PPP और PML-N की पिछली सरकारों के बीच बड़े पैमाने पर विदेशी और आंतरिक ऋण लेकर अर्थव्यवस्था को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पूर्व सीनेटर ने कहा कि क्वेटा के 70 फीसदी निवासियों को अभी भी पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारों ने बलूचिस्तान के विकास के लिए विभिन्न पैकेजों के तहत सैकड़ों अरबों रुपए खर्च करने की घोषणा की लेकिन ये पैकेज कागजों तक ही सीमित रहे।
हक ने कहा, "बलूचिस्तान में 66 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूलों में नहीं जाते हैं और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में सबसे अमीर होने के बावजूद प्रांत अभी भी देश में सबसे गरीब है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लापता व्यक्तियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन अभी तक एक भी मामला नहीं सुलझा है। प्रांत में कानून व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि कड़वी सच्चाई यह है कि दो प्रतिशत शासक वर्ग का देश के संसाधनों पर पूरा नियंत्रण है और वे आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने में रुचि नहीं रखते हैं। मायूसी की इस स्थिति को समाप्त करने के लिए जमात नेता ने कहा, देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के तहत पारदर्शी और स्वतंत्र चुनाव समय की जरूरत है।