हिरोशिमा डेः परमाणु हमला झेल चुका शख्स कर रहा ये अपील

Sunday, Aug 06, 2017 - 04:10 PM (IST)

हिरोशिमा: दुनिया के पहले परमाणु हमले की बरसी पर इसका दंश झेल चुके हिरोशिमा की ‘ऐसे हमलों को फिर कभी नहीं दोहराए जाने’’ की अपील ने जोर पकड़ लिया है क्योंकि उत्तर कोरिया इस दिशा में एक कदम और निकट पहुंच गया है और लगातार मिसाइल परीक्षणों में इजाफे ने उसके बढ़ते दुस्साहस को प्रर्दिशत किया है।

अमरीका ने जब 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर बम गिराया था तब महज एक साल के तोशिकी फुजीमोरी अपनी मां की गोद में थे। इस बम हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसने लगभग उनकी जान ही ले ली थी। फुजीमोरी ने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया जिस तरह से परमाणु परीक्षण और इसके विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए जाहिर तौर पर तनाव बढ़ रहा है।’’

अमरीका को अपनी जद में लेने में सक्षम नई क्षमता वाले मिसाइलों के परीक्षण पर कई जापानी एवं क्षेत्र में अन्य लोगों ने स्पष्ट तौर पर उत्तर कोरिया के खिलाफ निराशा प्रकट की। लेकिन इसके खतरे ने हिरोशिमा में गहरी चिंता पैदा कर दी है क्योंकि पहले परमाणु बम हमले में 140,000 लोगों की मौत हो गई थी और इसके बाद 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर एक और हमला हुआ था जिसमें 70,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
हिरोशिमा के महापौर काजूमी मात्सूई ने रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने शांति संबोधन में कहा,‘‘यह नारकीयता महज अतीत की बात नहीं है। जब तक परमाणु हथियार अस्तित्व में रहेंगे और नीति निर्माता इसके इस्तेमाल की धमकी देते रहेंगे तब तक इसका भय किसी भी क्षण हमारे वर्तमान में समा सकता है। आप खुद को उनकी क्रूरता से जूझते हुए पा सकते हैं।’’उन्होंने कहा कि आज एक बम भी 72 साल पहले हुए बम हमले से बड़ी क्षति पहुंचा सकता है। मानव जाति को ऐसा कृत्य फिर कभी नहीं दोहराना चाहिए।जापान सहित परमाणु सम्पन्न देशों से उन्होंने जुलाई में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृत परमाणु हथियार रोकथाम प्रतिबंध में शामिल होने का अनुरोध किया।

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