नवाज की वापसी की अटकलों से पाक राजनीति में भूचाल, गृह मंत्री रशीद के बयान पर मचा बवाल

Monday, Dec 27, 2021 - 12:10 PM (IST)

इस्लामाबादः पूर्व प्रधानमंत्री  व पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सुप्रीमो नवाज शरीफ की वापसी की अटकलों ने जहा पाक की राजनीति में भूचाल ला दिया है वहीं इस मामले में गृह मंत्री के बयान पर बवाल मच गया है।  माना जा रहा है कि नवाज की वापसी से इमरान खान सरकार की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।  कयास लगाए जा रहे हैं  कि आगामी आम चुनाव से पहले शरीफ पाकिस्तान लौट सकते हैं।

 

उधर, PML-N अध्यक्ष व नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री पूरी तरह ठीक होने के बाद ही स्वदेश वापसी करेंगे। शाहबाज ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि नवाज शरीफ ब्रिटेन में तबतक रह सकते हैं, जबतक कि इमिग्रेशन ट्रिब्यूनल वीजा विस्तार संबंधी उनके आवेदन को खारिज नहीं कर देता। उन्होंने कहा, 'देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शख्स की सेहत पर राजनीति करना अमानवीय है।   इस बीच PML-N की उपाध्यक्ष व नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने एक ट्वीट में कहा कि वीजा विवाद ने यह साबित कर दिया है कि उनके पिता इमरान खान की दुखती नस हैं।

दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार शाहजाद अकबर ने सवाल किया है कि क्या एनएबी मामले में कोर्ट द्वारा दोषी और आजीवन चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी नवाज शरीफ चुनाव लड़ सकते हैं। PML-N के वरिष्ठ नेता अयाज सादिक ने दावा किया था कि नवाज शरीफ जल्द ही वापसी कर सकते हैं। उन्होंने यह दावा लंदन में शरीफ से मुलाकात के बाद किया था। लाहौर हाई कोर्ट से उम्रकैद की सजा पा चुके शरीफ फिलहाल ब्रिटेन में इलाज करवा रहे हैं।


 
गृह मंत्री रशीद ने कहा, मैं खरीदूंगा शरीफ की वापसी का टिकट
नवाज की वापसी को लेकर चल रही अटकलों पर  प्रतिक्रिया देते हए पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि अगर PML-N सुप्रीमो लौटना चाहें तो उनकी वापसी का टिकट वह खरीदेंगे। उन्होंने शरीफ के लिए वीजा जारी करने की भी बात कही।   नवाज शरीफ वर्ष 2019 से चिकित्सा उपचार के लिए लंदन में हैं। 

गृह मंत्री ने पीएमएल-एन प्रमुख को पाकिस्तान लौटने की सूरत में वीजा जारी करने की भी पेशकश की है। हालांकि, पाकिस्तान का नागरिक होने के चलते शरीफ को किसी वीजा की कोई जरूरत नहीं है।  बता दें कि एक तरफ जहां इमरान खान सरकार विपक्ष की कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, वहीं दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय निकाय चुनाव में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को मिली हार उनकी लोकप्रियता में आई कमी का इशारा करती है।

 

 

Tanuja

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