रूसी हमले के बाद पहली बार यूक्रेन से अनाज लेकर निकला ‘रजोनी'' जहाज
Tuesday, Aug 02, 2022 - 12:25 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः रूसी हमले के बाद पहली बार यूक्रेन से अनाज लेकर एक जहाज सोमवार को उसके ओडेसा बंदरगाह से लेबनान के लिए रवाना हुआ। लगातार बढ़ते वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में मदद के लिए युद्धग्रस्त देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को मंजूरी देने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के सहयोग से कराए गए समझौतों के चलते यह संभव हो पाया। मालवाहक जहाज ‘रजोनी' पर सिएरा लियोन (पश्चिमी अफ्रीकी देश) का झंडा लगा हुआ था।
यह जहाज 26,000 टन से अधिक मक्का लेकर ओडेसा के बंदरगाह से लेबनान के सफर पर निकला। यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ओलेक्सांद्र कुब्राकोव ने ट्वीट किया, “रूसी आक्रमण के बाद पहली बार एक जहाज अनाज लेकर बंदरगाह से रवाना हुआ।” कुब्राकोव ने फेसबुक पर एक अलग पोस्ट साझा करते हुए बताया, “आज यूक्रेन अपने साझेदारों के साथ दुनिया को भुखमरी से बचाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इससे यूक्रेन को भी मदद मिलेगी।”
रूस और यूक्रेन में 22 जुलाई को इस्तांबुल में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ कुछ समझौतों पर दस्तखत किए थे, जिससे कीव के लिए रूसी आक्रमण के बाद काला सागर के बंदरगाहों पर पिछले पांच महीनों से फंसे 2.2 करोड़ टन अनाज व अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात करने का रास्ता साफ हो गया था। ये समझौते रूस को भी अनाज और खाद का निर्यात करने की अनुमति देते हैं। इन समझौतों के तहत यूक्रेन के बंदरगाहों के बाहर मौजूद जल मार्गों पर सुरक्षित गलियारे स्थापित किए गए हैं।
यूक्रेन और रूस वैश्विक स्तर पर गेहूं, जौ, मक्का और सूरजमुखी के तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में शामिल हैं। वहीं, काला सागर क्षेत्र की बेहद उपजाऊ भूमि को यूरोप का अनाज का कटोरा कहा जाता है। युद्ध के कारण अनाज आपूर्ति रुकने से वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि कई विकासशील देशों में भुखमरी और राजनीतिक अस्थिरता का खतरा मंडराने लगा है।
मॉस्को में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जहाज की रवानगी को ‘बेहद सकारात्मक' कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे उन उपायों का प्रभाव आंकने में मदद मिलेगी, जिन पर इस्तांबुल में हुई वार्ता के दौरान सहमति बनी थी। ‘रजोनी' के मंगलवार दोपहर इस्तांबुल पहुंचने की संभावना है, जहां रूस, यूक्रेन, तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों की एक टीम जांच के लिए जहाज पर सवार होगी। इसके बाद उसे लेबनान रवाना कर दिया जाएगा।