विश्व नेताओं ने किया चीन के शीतकालीन ओलंपिक के ‘राजनयिक बहिष्कार’ का आह्वान

Tuesday, Jun 08, 2021 - 02:17 PM (IST)

इंटरनेशल डेस्क: यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों के राजनेताओं के एक समूह ने सोमवार को संयुक्त समन्वित विधायी कार्रवाई के अधीन “मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन” का हवाला देते हुए  2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार का आह्वान किया । साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई का उद्देश्य सरकारों, निर्वाचित अधिकारियों और राष्ट्राध्यक्षों पर अगले साल के ओलंपिक के निमंत्रण को अस्वीकार करने का दबाव बनाना है।

 
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष टॉम मालिनोवस्की ने एक बयान में कहा कई लोकतांत्रिक देशों के विधायकों द्वारा यह समन्वित प्रयास एक कड़ा संदेश है जिसे IOC अनदेखा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि IOC यदि  सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं पर टोक्यो खेलों को स्थगित करने पर चर्चा कर सकता है तो  निश्चित रूप से चीन के हिरासत शिविरों में लाखों लोगों के सामूहिक कारावास के मुद्दे पर भी कदम उठा सकता है। 
 
 
 पिछले महीने मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने शीतकालीन ओलंपिक के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान करते हुए कहा था कि खेलों में भाग लेना उइगर लोगों के खिलाफ चीन के नरसंहार का समर्थन करने के समान होगा। उइगरों, तिब्बतियों, हांगकांग   निवासियों और अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले गठबंधन ने एक संयुक्त बयान में  कहा था कि चीन सरकार उइगर लोगों के खिलाफ नरसंहार कर रही है और पूर्वी तुर्किस्तान, तिब्बत और दक्षिणी मंगोलिया में दमन का अभूतपूर्व अभियान चलाने के अलावा हांगकांग में लोकतंत्र पर चौतरफा हमला कर रही है।

 

गठबंधन ने कहा था  कि इस समय बीजिंग ओलंपिक खेलों में भाग लेना उइगर लोगों के खिलाफ चीन के नरसंहार का समर्थन करने और अधिनायकवादी चीनी शासन की बढ़ती दमनकारी नीतियों को वैध बनाने के समान होगा।”  बता दें कि बीजिंग खेलों के बहिष्कार की मांग लगातार बढ़ रही है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी भी  मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर अगले साल बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के “राजनयिक बहिष्कार” का  आह्वान कर चुकी हैं।

 

Tanuja

Advertising