गाजा : इजरायली सैनिकों के हमले में 16 फिलिस्तीनियों की मौत, 2000 से ज्यादा घायल
Saturday, Mar 31, 2018 - 12:09 PM (IST)
गाजा: गाजा-इजरायल बॉर्डर पर शुक्रवार को हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों ने प्रदर्शन किया। ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न कहे जाने वाले 6 हफ्ते के विरोध प्रदर्शन के पहले दिन इजरायली सेना से झड़प में करीब 16 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। साथ ही करीब 2000 से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। घटना के सामने आने के बाद यूएन सिक्युरिटी काउंसिल ने इजरायल से संयम बनाए रखने की अपील की है।
एेसी हुई पूरी घटना
इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के मुताबिक, जमीन दिवस के दिन करीब 17 हजार फिलिस्तीनी नागरिक बॉर्डर स्थित पांच स्थानों पर जुटे थे। ज्यादातर लोग अपने कैंप्स में ही थे हालांकि, कुछ युवा इजरायली सेना की चेतावनी के बावजूद सीमा पर ही हंगामा करने लगे। उन्होंने बार्डर पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला किया। जिसके बाद आईडीएफ ने भीड़ को हटाने के लिए फायरिंग कर दी।
इजरायल के अखबार येरुशलम पोस्ट के मुताबिक, सेना की गोलीबारी में मारे गए लोग सीमा पर स्थित बाड़े को लांघने की कोशिश कर रहे थे। फिलिस्तीनियों की भीड़ को देखते हुए इजरायल ने टैंकों और स्नाइपर्स का भी सहारा लिया। चश्मदीदों के मुताबिक, उन्होंने आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल होते हुए भी देखा।
इजरायल-गाजा बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन के लिए फिलिस्तीन की ओर से 5 कैंप्स लगाए गए हैं। इन्हें ‘ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न’ नाम दिया गया है।
विरोध प्रदर्शन 30 मार्च से शुरू हुए हैं। इस दिन फिलिस्तीन जमीन दिवस मनाता है। कहा जाता है कि इसी दिन 1976 में फिलिस्तीन पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले 6 नागरिकों को इजरायली सेना ने मार दिया था। ये विरोध प्रदर्शन 15 मई के आसपास खत्म होंगे। इस दिन को फिलिस्तीन में नकबा (कयामत) के तौर पर मनाया जाता है। 1948 में इसी दिन इजरायल बना था, जिसके चलते हज़ारों फिलिस्तीनियों को अपने घर छोड़ने पड़े थे।