Afghanistan:31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट खाली नहीं करेंगे G-7 देश, बाइडन बोले-सहयोग करे तालिबान

Wednesday, Aug 25, 2021 - 08:42 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: विश्व की सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की मौजूदगी वाले शक्तिशाली वाले G-7 के सदस्य देशों ने मंगलवार कहा कि तालिबान को आतंकवाद को रोकने, मानवाधिकारों (विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों) और अफगानिस्तान में एक समावेशी राजनीतिक समझौता के मुद्दे पर उसकी कारर्वाइयों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।

वहीं G-7 संगठन ने कहा कि वे 31 अगस्त की समयसीमा तक काबुल एयरपोर्ट खाली नहीं करेंगे बल्कि तालिबान को इसके बाद भी उड़ान भरने और बाहर जाने के इच्छुक अफगान नागरिकों को सुरक्षित राह देनी होगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने G-7 की बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि सभी देशों ने इसे तालिबान से किसी भी संपर्क की पहली शर्त माना है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि तालिबान के सहयोग करने पर ही समयसीमा के भीतर अफगानिस्तान को खाली किया जा सकेगा।

आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने तालिबान
G-7 के नेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान को फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनना चाहिए, न ही दूसरे देशों पर आतंकवादी हमलों का स्रोत बनना चाहिए। G-7 की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और अधिक व्यापक तौर पर, अपने सहयोगियों तथा क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि अफगानिस्तान के सामने उत्पन्न महत्वपूर्ण सवालों का समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक मंच पर लाया जा सके। जब हम ऐसा करेंगे, तो हम अफगानिस्तान की पार्टियों को उनके कार्यों से आंकेंगे, शब्दों से नहीं।' साथ ही जॉनसन ने कहा कि अफगानिस्तान एक नार्को (नशीले पदार्थों) वाला देश नहीं हो सकता, लड़कियों को 18 साल की उम्र तक शिक्षा देनी होगी। 

बाइडन ने नहीं बढ़ाई समयसीमा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने तालिबान संकट से निपटने के तरीके और अफगानिस्तान में अमेरिकी जवानों के बने रहने की समयसीमा को आगे बढ़ाने से इनकार करने को लेकर अन्य G-7 नेताओं ने बैठक में नाराजगी जाहिर की।

Seema Sharma

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