फ्रांस संसदीय चुनावः एग्जिट पोल से देश की राजनीति में उथल-पुथल, राष्ट्रपति मैक्रों को लगा बड़ा झटका

Monday, Jun 20, 2022 - 11:03 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः फ्रांस में रविवार को  संसदीय चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल से देश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। इन चुनाव नतीजों से राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बड़ा झटका लगा है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन रविवार को संसदीय चुनावों के अंतिम चरण में सबसे ज्यादा सीटें मिलने के बावजूद बहुमत खो दिया है जबकि दक्षिणपंथी नेशनल रैली को भारी बढ़त मिलती नजर आ रही है। एग्जिट पोल के मुताबिक नवगठित वामपंथी और दक्षिणपंथी दलों को रिकॉर्ड जीत मिलेगी, जिसके कारण नेशनल असेंबली में मैक्रों अपना बहुमत खोते हुए दिख रहे हैं।
 

 

आंशिक नतीजों पर आधारित अनुमान के अनुसार, मैक्रों के उम्मीदवार 230 से 250 सीटों के बीच जीत दर्ज करेंगे, जो नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए आवश्यक 289 सीटों से काफी कम है। फ्रांस में अत्यधिक असामान्य इस स्थिति से मैक्रों की राजनीतिक राह मुश्किल हो सकती है। कट्टर वामपंथी, समाजवादी और ग्रीन्स का नया गठबंधन करीब 140 से 160 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल बन सकता है।

 

प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने कहा कि ‘‘अभूतपूर्व स्थिति'' देश के राष्ट्रीय स्तर पर आ रही चुनौतियों के लिए खतरा है। पश्चिमी फ्रांस में सीट जीतने वाली बोर्न ने संकेत दिया कि मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन ‘‘अच्छे समझौते'' तलाशने के लिए विविध राजनीतिक दलों के सांसदों से समर्थन मांगेगा। नेशनल रैली की नेता मरीन ली पेन को उत्तरी फ्रांस में उनके गढ़ हेनिन बीयुमॉन्ट से पुन: सांसद निर्वाचित किया गया है।

 

नेशनल रैली के कार्यकारी अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन की ‘‘सुनामी'' से तुलना करते हुए कहा, ‘‘आज का संदेश यह है कि फ्रांस के लोगों ने एमैनुअल मैक्रों को एक अल्पसंख्यक राष्ट्रपति बना दिया है।'' गौरतलब है कि 1988 में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रपति फ्रांकोइस मिटरैंड के कार्यकाल में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, जिन्होंने तब कानूनों को पारित कराने के लिए कम्युनिस्ट या मध्यमार्गियों से समर्थन मांगा था। 

 

 
इमैनुएल मैक्रों के सामने राष्ट्रपति की उम्मीदवार रहीं ले पेन की पार्टी को 80 सीटें मिली हैं। ले पेन के पिता जेन मरी ने चार दशक पहले दक्षिणपंथी दल नेशनल रैली का गठन किया गया था। ले पेन ने इस चुनाव में सभी को हैरान करते हुए एक बड़ी जीत दर्ज की है। 2017 में उनकी पार्टी ने सिर्फ आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार उन्होंने फ्रांस में 15 फीसदी सीटों पर कब्जा जमाया है। ले पेन ने कहा कि वह दक्षिणपंथी और वामपंथी दलों के राष्ट्रभक्तों को एक साथ लाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि मैक्रों का एडवेंचर अब अपने अंत को पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया कि वह एक मजबूत विपक्ष बन कर उभरेंगी।

 

Tanuja

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