फ्रांस ने 26 देशों में काम कर रही कट्टरपंथी इस्लामिक संस्था की बंद, संगठन ने तुर्की से मांगी शरण

Thursday, Oct 29, 2020 - 04:02 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः फ्रांस में कार्टून मामले में टीचर की हत्या के बाद तनाव बढ़ता जा रहा है। फ्रांस सरकार के कट्टर मुस्लिमो के खिलाफ उठाए कदमों के कारण दुनिया के सभी मुस्लिम व खाड़ी देश फ्रांस के खिलाफ खड़े हो गए हैं। बावजूद इसके फ्रांस ने इस्लामिक संस्थाओं पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। बुधवार को यहां सरकार ने एख बड़ा फैसला लेते हुए एक बड़ी इस्लामिक बाराकासिटी नाम की चैरिटी ऑर्गनाइजेशन को बंद कर दिया । यह संस्था 26 देशों में करीब 20 लाख लोगों के लिए काम करती थी। फ्रांस सरकार और राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कुछ दिन पहले कहा था कि इस्लामिक कट्टरपंथ पर कड़ा प्रहार किया जाएगा।

बाराकासिटी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बताया कि फ्रांस सरकार ने इस चैरिटी ऑर्गनाइजेशन को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है। उसने ये भी कहा कि वो अब उस देश से ऑपरेट करना पसंद करेगी जहां उसे राजनीतिक शरण मिलेगी। संस्था के फाउंडर इदरिस शिमेदी ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन से मदद मांगी है। इदरिस ने ट्वीट में कहा- मैं और मेरी टीम आपके देश में राजनीतिक शरण लेना चाहते हैं। क्योंकि, फ्रांस में हम महफूज नहीं हैं। फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमेनियन ने बाराकासिटी पर गंभीर आरोप लगाए। कहा- हमारी सरकार ने सही फैसला किया है। बाराकासिटी फ्रांस में नफरत, इस्लामिक कट्टरपंथ फैला रही थी। वो आतंकियों की हरकतों की तारीफ करती थी। ऐसी किसी संस्था को इस देश में रहने का हक नहीं है।

हालांकि, संस्था ने गेराल्ड के आरोप खारिज कर दिए। कहा- आपकी इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। संस्था के फाउंडर शिमादी को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि फ्रांस की एंटी टेरेरिज्म फोर्स ने उनकी काफी पिटाई भी की थी। दूसरी तरफ, फ्रांस में इस्लाम के अपमान के विरोध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान भी आया। उन्होंने कहा- फ्रांस में इस्लामाम के खिलाफ जो कुछ हो रहा है, उसके विरोध में सभी मुस्लिम देशों को एक हो जाना चाहिए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्षों को एक लेटर लिखा। इसमें उनसे कहा- फ्रांस में मुस्लिमों के खिलाफ जो कुछ हो रहा है, वो दुनिया में इस्लामोफोबिया फैलाने की साजिश है। इसके खिलाफ सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होने की जरूरत है। इसकी जरूरत खासतौर पर यूरोप में है। फ्रांस में मुस्लिमों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पिछले दिनों तब शुरू हुई जब एक लड़के ने एक हिस्ट्री टीचर की गला रेतकर हत्या कर दी। टीचर पर आरोप था कि उसने क्लास में इस्लाम का अपमान करने वाला चित्र दिखाया था।

Tanuja

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