मंगल पर मिली नदियां और झीले !

Friday, Oct 09, 2015 - 08:01 PM (IST)

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने पाया है कि करीब 3.8 से लेकर 3.3 अरब साल पहले मंगल पर लंबे समय तक झीलें और जल धाराएं थी जिससे इस धारणा को बल मिलता है कि ‘लाल ग्रह’ पर कभी जीवन मौजूद रहा होगा। इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी शामिल है।   

क्यूरोसिटी रोवर से मिले डेटा का उपयोग करते हुए नासा के मार्स साइंस लैबोरेटरी क्यूरियोसिटी टीम ने पाया कि काफी समय पहले जल ने गेल क्रेटर में गाद के जमा होने में मदद की होगी जहां रोवर तीन साल से कुछ समय पहले उतरा था। गाद के ये निक्षेप परत के रूप में जमा हैं जिसने माउंट शार्प को निर्मित किया। यह पर्वत क्रेटर के बीच आज पाया गया।  
 
केलीफोर्निया स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी मार्स साइंस लैबोरेटरी परियोजना वैज्ञानिक अश्विन वासवडा ने बताया कि रोवर से मिली जानकारी से पता चलता है कि 3.8 से 3.3 अरब साल पहले इस अवधि के बीच कभी लंबे समय तक जलधाराएं और झीलें रही होगी  जिसने गाद बनाया होगा जो माउंट शार्प की निचली परतों में जमा है। यह नयी जानकारी पहले के उन कार्यो पर आधारित है जिनके तहत कहा गया था कि मंगल पर प्राचीन समय में झीलें रही होंगी। पिछले महीने नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल पर पानी का प्रवाह होने की पुष्टि की थी।  
 
नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन के प्रमुख वैज्ञानिक माइकल मियर ने बताया कि यह स्पष्ट है कि अरबों साल पहले मंगल बहुत हद तक आज की पृथ्वी जैसा रहा होगा। ताजा नतीजे इस बारे में संकेत देते हैं कि ये आद्र्र परिदृश्य माउंट शार्प के निचले हिस्से के लिए सही हैं। वासवडा ने बताया कि गेल में हमने प्राचीन कालीन तेजे से प्रवाहित होने वाली जल धाराओं के साक्ष्य देगे। हम बारीक कणों वाला गाद प्रचुर मात्रा में देख पा रहे हें जो झील के तलछट की तरह दिखते हैं। गाद इस बात के संकेत देते हैं कि झील के रूप में ठहरा हुआ पानी लंबे समय तक रहा होगा। 
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