ये विदेशी दुल्हनियां 11 दूल्हों को लूटकर हो गई थी चंपत, अब हुई गिरफ्तार

Saturday, Sep 09, 2017 - 05:51 PM (IST)

थाईलैंडः आपने जालसाज दुल्हन की किस्से हिंदुस्तान में आपने बहुत सुने होंगे लेकिन हम आपको उस परदेश की कहानी बताएंगे जहां की विदेशी दुल्हनियां ने अपने कारनामों से बॉलीवुड फिल्म डौली की डोली की पूरी स्टोरी हकीकत कर दी।

इस युवती ने 11 युवकों को अपना दूल्हा बनाया और उनका पैसा लेकर चंपत हो गई। थाई मीडिया के अनुसार, थाई परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रत्‍येक शख्‍स ने युवती को दहेज में एक निश्‍चित रकम दी, जिसके बाद सारा धन समेट वह फरार हो गई। बताया जाता है कि हरेक शख्‍स से उसने झूठी कहानियां बनाकर 6,000 से 30,000 डॉलर तक की रकम वसूली।

पुलिस ने स्‍थानीय मीडिया को बताया कि वह इतनी चालाक थी कि केवल अगस्‍त माह के दौरान उसने चार बार शादियां की। शुरुआत में पुलिस को 12 पीड़ित मिले पर बाद में एक युवक अपनी शिकायत वापस ले ली। जानकारी के मुताबिक एक युवक इसकी जानकारी अपने एफबी पर शेयर की। इसके बाद तमाम पीड़ित पुलिस के पास पहुंचे और बताया कि किस तरह वे युवती के झांसे में फंसे। 

पीडि़त शिकायतकर्ता प्रासर्न तियामयम ने पुलिस ने पुलिस को बताया कि, युवती फेसबुक पर वह युवक से दोस्‍ती करती है, मुलाकात करती है, शारीरिक संबंध बनाती है और फिर शादी कर पैसे के साथ फरार हो जाती है। उसका कारनामा उजागर होने के बाद से उसे ‘रनअवे ब्राइड’ के नाम से बुलाया जा रहा है। प्रासर्न की युवती से दोस्‍ती 2015 के फरवरी में फेसबुक पर हुई। उसने अपना नाम नम्‍मोन (असली नाम जरियापोर्न बुयाई) बताया। 9 माह के बाद उसने प्रासर्न से गर्भवती होने की बात कही तब वह शादी के लिए राजी हो गया। वे एक रिसार्ट में गए जहां 6,000 डॉलर की रकम बतौर दहेज में युवती को दी गई। 

प्रासर्न के अनुसार, नम्‍मोन अपने माता-पिता के साथ उसकी मुलाकात से इंकार करती थी। शादी के मात्र चार दिन के बाद ही वह यह कह कर भागी कि उसे नोंग खाई में अपने फलों के बिजनेस के लिए डील करना है। इसके कुछ ही दिन बाद प्रासर्न को एक महिला का फोन आया जिसने कहा कि वह नम्‍मोन की भतीजी है और नम्‍मोन का बच्‍चा खत्‍म हो गया इसलिए अब प्रासर्न उससे मिलने की कोशिश न करे।

गुरुवार रात को पुलिस ने जरियापोर्न बुयाई और उसके वास्‍तविक पति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह में और भी सदस्‍य हो सकते हैं। आरोपी युवती का कहना था कि उसका मकसद लोगों को धोखा देना नहीं था। उन्होंने अपनी मर्जी से उसके पारिवारिक फल के व्‍यापार में निवेश किया।

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