रूसी सैनिकों की गोलियों में पहले पिता को खोया फिर गंवाया अपना हाथ, 9 साल की बच्ची ने सुनाई दर्द भरी दास्तां

Wednesday, Mar 16, 2022 - 02:38 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग का आज 21वां दिन जारी है। दोनों देशों के बीच जारी जंग में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। युद्ध में रूसी सैनिकों की गोलीबारी में 9 साल की बच्ची ने न सिर्फ अपने पिता को खोया बल्कि अपने एक हाथ को भी गंवा दिया। हाथ गंवाने के बाद बच्ची का कहना है कि, मुझे आशा है कि उनका मकसद मुझे चोट पहुंचाना नहीं था। उसकी बातें सुनकर लोगों का दिल पसीज आया है। बच्ची का नाम साशा है जोकि अभी अस्पताल में भर्ती है और इसका इलाज जारी है। दोनों देशों के बीच जारी जंग में 97 मासूम अपनी जान गवां चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खुद इस बात की जानकारी दी है। 

रूसी सैनिकों ने कार पर की अंधाधुंध फायरिंग
डेली मेली की रिपोर्ट की मानें तो, साशा बीते हफ्ते अपने पिता, मां और बहन के साथ राजधानी कीव के उपनगर होस्टोमेल को छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए जा रही थी तभी रूसी सैनिकों ने उनकी कार पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इस हमले में उसके पिता को लोगी लगने से वहीं मौत हो गई, जबकि वे तीनों किसी तरह वहां से भागकर शेल्टर में शरण लेने में कामयाब रही। इस हमले में साशा को भी गोली लगी थी। वो दो दिन तक शेल्टर में ही घायल पड़ी रही। कुछ लोगों ने उसे रूसी हमले से बचते बचाते किसी तरह अस्पताल में पहुंचाया। 

डॉक्टर्स को काटना पड़ा हाथ
बुच में सेंट्रल इरपिन अस्पताल के वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर व्लादिस्लाव गोरबोवेक ने पाया कि गैंग्रीन (gangrene) तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण उन्होंने कोहनी के ऊपर से साशा का बायां हाथ काटने का फैसला लिया। नहीं तो उसकी मौत हो जाती। ऐसे में डॉक्टर्स को मजबूरन उसका एक हाथ काटना पड़ा। हाथ काटने के बाद जब बच्ची होश में आई तो उसने कहा, मुझे नहीं पता कि रूसी सैनिकों ने मुझे गोलियां क्यों मारीं। मुझे लगता है कि यह महज एक हादसा था और उनका मकसद मुझे चोट पहुंचाना नहीं था। 9 साल की बच्ची ने गुलाबी रंग की एक कृत्रिम भुजा (आर्टिफिशियल आर्म) मांगी है। साशा की नर्स की तरह बहुत से लोगों ने उसके हौसले और जज्बे की सराहना की है। 

जंग का आज 21वां दिन जारी
रूस और यूक्रेन की जंग को शुरू हुए आज (गुरुवार) 20 दिन हो चुके हैं और आज 21वां दिन जारी है। कीव और मारियुपोल पर रूस की बढ़ती बमबारी के बावजूद यूक्रेन ने कहा कि उसे रूस के साथ वार्ता में समझौते की गुंजाइश नजर आती है। रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारियुपोल से एक मानवीय गलियारे के जरिए करीब 20,000 लोगों ने बंदरगाह शहर छोड़ दिया। अभी तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन नहीं किया था। इस बीच, देश छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई।

rajesh kumar

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