बड़ी सफलताः ये नया टेस्ट चंद मिनटों में बताएगा कोरोना है या नहीं, घर पर करने की भी  सुविधा

Sunday, Mar 22, 2020 - 12:16 PM (IST)

न्यूयार्कः दुनिया भर के वैज्ञानिक 185 देशों में कहर मचाने वाले कोरोना वायरस का उपचार ढूंढने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं।  इस बीच लोगों के लिए बेहद राहत की खबर आई है कि  अमेरिका फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कोरोना वायरस के लिए एक ऐसे टेस्ट  को मंजूरी दे दी है, जो पुराने टेस्ट के मुकाबले काफी तेजी से नतीजे देने में सक्षम है।  ये टेस्ट मरीज जहां भी मौजूद है वहां जाकर किया जा सकता है और ये सिर्फ 45 मिनट में बता देता है कि व्यक्ति को कोरोना संक्रमण हुआ है या नहीं। इस टेस्ट को कैलीफोर्निया की दवा कंपनी सेफिड  ने तैयार किया है। इसे अगले हफ्ते से इस टेस्ट का इस्तेमाल अमेरिका में शुरू हो जाने की संभावना है। 

30 मार्च से शुरू हो जाएगा ये टेस्ट 
हेल्थ और ह्यूमन सर्विस सेक्रेट्री एलेक्स अजार ने बताया कि जिस टेस्ट को हमने मान्यता दी है ये अमेरिकियों के लिए बड़ी राहत लेकर आ रहा है क्योंकि ये सिर्फ एक घंटे में बता देता है कि कोरोना संक्रमण हुआ है या नहीं।  फिलहाल जिस टेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो इसे बताने में दो दिन तक का वक़्त ले लेता है। 30 मार्च तक इसके जरिए टेस्ट करना शुरू कर दिया जाएगा। सेफिड के मुताबिक इस तरह के 23000 जीन एक्सपर्ट टेस्ट सिस्टम पूरी दुनिया में भेजे जाएंगे जहां ये कोरोना मामलों की जांच सिर्फ 45 मिनट में पूरी कर सकेंगे। कोरोना के चलते अस्पताल और हेल्थकेयर इंडस्ट्री काफी दबाव में है और इसके चलते गंभीर रूप से बीमार लोगों की अनदेखी हो रही है। इस टेस्ट के जरिए जल्दी से संक्रमण का पता चलेगा और इलाज शुरू किया जा सकेगा और कई जानें बचाई जा सकती हैं।

 गंभीर मरीजों के लिए होगा काफी फायदेमंद 
सेफिड के चीफ मेडिकल एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर डॉक्टर डेविड पर्सिंग ने बताया कि ये टेस्ट जल्दी नतीजे देता है और इसे कहीं भी किया जा सकता है। ऐसे में गंभीर श्रेणी के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसकी 5000 यूनिट तैयार हैं जो सीधे अस्पतालों में जाकर काम शुरू करने की स्थिति में हैं। इस टेस्ट को करने के लिए किसी को भी कोई ट्रेनिंग देने की ज़रूरत नहीं है। ये ऑटोमेटेड हैं और 24 घंटे काम करने में सक्षम भी हैं।

कोरोना पर कंट्रोल करने में होगा मददगार
FDA कमिश्नर स्टीफन हान के मुताबिक टेस्ट के रिज़ल्ट पर ही सबकुछ निर्भर करता है। उससे पहले डॉक्टर्स भी कुछ करने की स्थिति में नहीं होते हैं। सबसे ज़रूरी बात ये है कि इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है, वो चाहे अस्पताल हो या फिर इंटेंसिव केयर रूम... इसके नतीजों के लिए लेबोरेट्री का इंतज़ार नहीं करना होगा। इससे मरीजों को जल्दी इलाज मिल सकेगा और कोरोना पर कंट्रोल करने में ये अहम कदम साबित होगा।
 

Tanuja

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