FATF की सख्त चेतावनी- पाक के पास अब सिर्फ जून तक का समय

Saturday, Feb 22, 2020 - 03:23 PM (IST)

पैरिसः पाकिस्तान ने एक बार फिर दोस्त चीन की मदद से खुद को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ब्लैकलिस्ट सूची में जाने से बचा लिया है। FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रखने का फैसला किया है व चेतावनी दी है कि अब उसके पास सिर्फ 4 माह का समय बाकि है। अगर पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को धन देना बंद नहीं करता है तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। पेरिस में ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (FATF) के चल रहे पूर्ण सत्र में यह फैसला किया गया। FATF ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर वह अपनी जमीन से आतंकवाद को मिल रही आर्थिक मदद में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंडित नहीं करता तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

 

पैरिस में शुक्रवार को ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र में छह दिन तक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया। बता दें कि पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण की जांच के लिए दी गईं सभी समयसीमाएं समाप्त हो चुकी हैं। पाक को अब सभी मामलों में जून तक अभियोग चलाने और सजा देने में नाकाम रहने पर पाक को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। वह अब तक 27 में से 14 मामलों में ही कार्रवाई कर पाया है।" इससे कुछ घंटे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया था, 'पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवादी संगठनों को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने में काफी प्रयास किए हैं, जिसे पेरिस में हुई बैठक में FATF के अधिकांश सदस्यों द्वारा मान्यता दी गई है।

 

चीन और अन्य देश इस क्षेत्र में पाकिस्तान को सहायता देना जारी रखेंगे।' चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से किया गया यह ट्वीट इस बात को पुष्ट करता है कि उसने FATF की बैठक में पाकिस्तान की मदद की है। इससे पहले चीन कई और मौकों पर पाकिस्तान का बैकअप करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने के लिए भारत कई बार कोशिशें कर चुका है, लेकिन चीन इसमें पाकिस्तान का साथ देता रहा है। पाकिस्तान को 'टेररिस्तान' स्थापित करने के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र में कई सबूत पेश कर चुका है, लेकिन चीन हमेशा से उसका बचाव करता रहा है।

Tanuja

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