सिनेमा ने खोया अपना चमकता सितारा, ऑस्कर विजेता फेमस डायरेक्टर का निधन, शोक में डूबी इंडस्ट्री

punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 10:39 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। हॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माता और निर्देशक रॉबर्ट बेंटन जिन्होंने 'क्रेमर वर्सेज क्रेमर' जैसी यादगार फिल्में दीं अब हमारे बीच नहीं रहे। 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है। हॉलीवुड की बेहतरीन कहानियों को पर्दे पर जीवंत करने वाले बेंटन के निधन से फिल्म जगत और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें याद कर रहे हैं और उनके काम को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अपनी लंबी उम्र में भी सक्रिय रहे बेंटन अपनी शानदार फिल्मों के लिए हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे।

रॉबर्ट बेंटन का न्यूयॉर्क स्थित आवास पर निधन

रॉबर्ट बेंटन के निधन की दुखद खबर उनके बेटे जॉन बेंटन ने साझा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने न्यूयॉर्क के मैनहटन स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। रॉबर्ट बेंटन ने लगभग छह दशकों तक फैले अपने शानदार करियर में कई ऐतिहासिक फिल्में दीं और तीन बार प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) अपने नाम किए। उन्हें खासकर 1979 में आई फिल्म 'क्रेमर वर्सेज क्रेमर' के लेखक और निर्देशक के रूप में हॉलीवुड में एक खास पहचान मिली थी।

'क्रेमर वर्सेज क्रेमर' ने दिलाई अपार ख्याति

साल 1979 में रिलीज हुई फिल्म 'क्रेमर वर्सेज क्रेमर' रॉबर्ट बेंटन के करियर का शिखर साबित हुई। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित कुल पांच ऑस्कर पुरस्कार जीते थे। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले डस्टिन हॉफमैन और मेरिल स्ट्रीप के अभिनय को भी दर्शकों और समीक्षकों ने खूब सराहा था। इससे पहले 1967 में आई फिल्म 'बोनी एंड क्लाइड' की पटकथा बेंटन ने डेविड न्यूमैन के साथ मिलकर लिखी थी। इस फिल्म ने हॉलीवुड सिनेमा के देखने के नजरिए को पूरी तरह से बदल दिया था। वॉरेन बीटी और फेय डनवे अभिनीत यह फिल्म 60 के दशक की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गई थी।

करियर में देखे उतार-चढ़ाव, फिर भी बनाई यादगार फिल्में

टेक्सास के वैक्साहाची में जन्मे रॉबर्ट बेंटन को फिल्मों का शौक अपने पिता से विरासत में मिला था। उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की। अपने शुरुआती करियर में उन्होंने एस्क्वायर मैगजीन में आर्ट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया। 1984 में आई फिल्म 'प्लेसेस इन द हार्ट' ने एक बार फिर बेंटन को ऑस्कर की दौड़ में ला दिया। यह फिल्म उनकी मां को समर्पित थी और इसके लिए उन्हें एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले का ऑस्कर मिला। अपने लंबे और विविध करियर में बेंटन ने कई हिट और कुछ फ्लॉप फिल्में भी दीं। 

'द ह्यूमन स्टेन', 'बिली बाथगेट' और 'ट्वाइलाइट' जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं लेकिन 'नोबडीज फूल' जैसी फिल्मों से उन्होंने जोरदार वापसी की और ऑस्कर नामांकन भी हासिल किया। रॉबर्ट बेंटन का निधन हॉलीवुड के लिए एक अपूरणीय क्षति है और उनकी यादगार फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगी।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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