बाहरी देशों को कर्ज देने की नीति चीन पर पड़ी भारी, कई बड़े प्रौजैक्ट रुके

Thursday, Aug 16, 2018 - 02:56 PM (IST)

बीजिंग: दक्षिण चीन सागर से लेकर वन बेल्ट, वन रोड के जरिए चीन दुनिया के विभिन्न देशों  पर अपना प्रभाव स्थापित करने में जुटा है। भारत के पड़ोसी देशों खासतौर से पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव को कर्ज के रूप में मदद देकर उन्हें अपने पाले में लेने की कोशिश कर रहा है। लेकिन साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक चीन के बड़े शहरों में आर्थिक संकट की वजह से विकास कार्यों के कई प्रोजेक्ट्स रुके पड़े हैं। 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने हुनान प्रांत के चांगदी शहर का जिक्र करते हुए लिखा है कि वहां पर विकास कार्य पूरी तरह ठप्प है। चांगदी में रहने वाला एक शख्स कहता है कि पिछले कुछ वर्षों में चांगदी के चारों तरफ विकास की गंगा तेजी से बह रही थी। लेकिन अब ये देखकर हैरानी होती है कि विकास कार्यों से जुड़े प्रोजेक्ट्स की कोई खोज खबर लेने वाला नहीं है। बताया जा रहा है कि आधारभूत संरचना के विकास के लिए चीनी बैंकों से आसानी से कर्ज मिल जाया करते थे लेकिन अब सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्रों में काम की रफ्तार पर ब्रेक लगा है।

जानकारों का कहना है कि सरकार की तरफ से सड़कों, पुलों और स्पोर्ट्स सुविधाओं पर भारी भरकम खर्च किया गया  लेकिन उसका असर अब दिखाई दे रहा है। बैंक फॉर इंटरनेशल सेटलमेंट्स के मुताबिक चीन के कुल जीडीपी का 256 फीसदी कर्ज के रूप में देश के अंदर और बाहर बांटा गया है। इतने बड़े कर्ज की वजह से अब चीन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 
 

Tanuja

Advertising