चीन ने तिब्बत में अत्याचार की हदें की पार, एक्सपर्ट बोले- तालिबान के नक्शेकदम पर चल रहे शी जिंनपिंग

Monday, Jan 24, 2022 - 04:38 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः तिब्बत में चीन का दमन लगातार बढ़ता जा रहा है।चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की  तिब्बत में बढ़ती दखलअंदाजी और क्रूरता की तुलना अब तालिबान से की जाने लगी है।  सामरिक विशेषज्ञ ब्रह्म चेलाने का कहना है कि तालिबान और शी जिनपिंग की कार्यप्रणाली  के बीच काफी समानताएं हैं। सिचुआन प्रांत में हाल ही में बुद्ध की मूर्तियों के विध्वंस पर प्रकाश डालते हुए लेखक ने ब्रह्म चेलाने के ट्वीट का उल्लेख करते हुए कहा, “चीन तालिबान के नक्शेकदम पर चल रहा है। तालिबान ने अमेरिकी आक्रमण से पहले अपने पहले शासनकाल के दौरान अफगानिस्तान में कई धार्मिक कलाकृतियों को नष्ट कर दिया था, जहां उनका सबसे उल्लेखनीय लक्ष्य छठी शताब्दी में निर्मित दो विशाल बुद्ध प्रतिमाएं थीं।

 

चेलानी ने कहा कि चीन तिब्बती संस्कृति को मिटाने की राह पर है और तालिबान के नक्शेकदम पर चल रहा है। ब्रह्म चेलाने ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने सिचुआन के तिब्बती क्षेत्र में भगवान बुद्ध की 99 फुट की मूर्ति को उसी तरह से ध्वस्त कर दिया जैसे तालिबान ने बामियान में बुद्ध की प्रतिमा को नष्ट कर दिया था। तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट ने बताया कि चीन तिब्बती धर्म, संस्कृति और पहचान को खत्म करने के लिए काम कर रहा है। चीनी अधिकारियों ने तिब्बती भाषा के स्कूलों को चीनी भाषा में बदल दिया है और तिब्बतियों को प्राचीन परंपराओं से दूर कर दिया है।

 

रिपोर्ट के अनुसार हाल के दिनों में तिब्बतियों ने चीनी शासन की प्रत्यक्ष क्रूरता का अनुभव किया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने आजादी के हिमायती तिब्बतियों से निपटने के लिए सबसे क्रूर तरीकों को चुना है। जस्ट अर्थ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने हर तरीके से तिब्बत की सांस्‍कृतिक पहचान को नष्‍ट करने की कोशिश की है। चीन के कम्युनिस्टों ने तिब्‍बत में न केवल अनगिनत अवशेषों को नष्ट किया बल्कि तिब्बती लोगों से उनकी आजीविका छीनने का काम किया है। चीनी कम्‍यूनिष्‍टों ने तिब्‍बती लोगों के पशुधन, आभूषण, उनके वस्त्र और तंबू भी लूट लिए हैं।

 

जस्ट अर्थ न्यूज  की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे समय जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से बचने के लिए सख्त लाकडाउन से दो-चार हो रही थी चीन ने तिब्बतियों को प्रताड़ित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। चीन ने तिब्‍बतियों पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। चीन की क्रूर नीतियों के चलते लाकडाउन के दौरान कई तिब्बती मठों और स्कूलों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। चीन की दमनात्‍मक कार्रवाई का ताजा उदाहरण सिचुआन प्रांत (Sichuan Province) के खाम ड्रैकगो (Kham Drakgo) में बुद्ध की 99 फुट ऊंची प्रतिमा का विध्वंस था।

Tanuja

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