India GDP Growth: अमेरिकी टैरिफ भी नहीं रोक पाया भारत का ग्रोथ, आर्थिक मोर्चे पर आ गई अब एक और खुशखबरी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 12:37 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार (8 अक्टूबर, 2025) को चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ (शुल्क) के चलते साउथ एशिया की आर्थिक वृद्धि दर 2026 में धीमी हो सकती है। हालांकि, मौजूदा वित्त वर्ष में सरकारी खर्च और घरेलू निवेश की वजह से स्थिति अभी नियंत्रण में बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया की ग्रोथ रेट 2025 में अनुमानित 6.6% से घटकर 2026 में 5.8% तक पहुंच सकती है। इस क्षेत्र में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव शामिल हैं।
2026 में ग्रोथ घटने की वजह
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 में ग्रोथ का अनुमान घटने की मुख्य वजह अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए उच्च टैरिफ हैं। ये शुल्क भारतीय निर्यात को प्रभावित कर रहे हैं और इसके चलते साउथ एशिया की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ असर धीरे-धीरे कम होंगे।
भारत की ग्रोथ के ताजा अनुमान
वर्ल्ड बैंक ने भारत की मौजूदा वित्त वर्ष (मार्च 2026 तक) की विकास दर का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष (2026-27) के लिए अनुमान 6.5% से घटाकर 6.3% कर दिया गया है।
अमेरिकी 50% टैरिफ का बड़ा झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले कई प्रमुख उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाया है। यह किसी भी अमेरिकी व्यापार साझेदार पर लगाए गए सबसे ऊंचे शुल्क में शामिल है। इस कदम से करीब 50 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात प्रभावित हो रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में टेक्सटाइल, जेम्स और ज्वेलरी, झींगा उद्योग और अन्य श्रम-प्रधान सेक्टर शामिल हैं।
सरकार का कदम: टैक्स कटौती और निवेश बढ़ावा
टैरिफ के असर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने बड़े पैमाने पर टैक्स कटौती की घोषणा की। इसमें शैंपू, कार और अन्य वस्तुओं पर शुल्क कम किया गया। यह 2017 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है। साथ ही, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से निवेश कर रही है, जिससे घरेलू मांग को समर्थन मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को अमेरिका के टैरिफ के असर को कम करने के लिए घरेलू निवेश बढ़ाना, निर्यात बाजारों में विविधता लाना और नए व्यापार साझेदार तलाशना होगा।
आगे की चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ के असर से दक्षिण एशिया में निर्यात और विदेशी निवेश पर दबाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, श्रम-प्रधान उद्योगों में उत्पादन लागत बढ़ सकती है और यह रोजगार पर भी असर डाल सकता है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट बताती है कि यदि देशों ने आंतरिक निवेश, आर्थिक सुधार और नई निर्यात नीतियों पर ध्यान दिया, तो 2026 में ग्रोथ को कम होने से रोका जा सकता है।