मानवाधिकार संगठनों का आरोप-सरकारी लापरवाही से हुई मुर्सी की मौत

Wednesday, Jun 19, 2019 - 05:06 PM (IST)

 

काहिराः मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की कोर्ट में ट्रायल के दौरान हुई मौत को मानवाधिकार संगठनों ने लापरवाही की परिणाम बताया है मूर्सी मिस्र के पहले राष्ट्रपति थे जो लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित हुए। हालांकि, 2013 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। पद से हटाने के बाद मूर्सी पर प्रदर्शनकारियों को गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लेने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए।

मूर्सी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि वह लंबे समय से लिवर और किडनी की परेशानियों से जूझ रहे थे। मानवाधिकार संगठन मूर्सी की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं।मानवाधिकार समूहों का आरोप है कि मूर्सी की मौत स्वाभाविक बीमारी के कारण नहीं हुई है। मिस्र में सैन्य शासन की स्थापना के बाद से अब्दुल फतह अल-सीसी के शासन के दौर में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया जा रहा है।

मूर्सी की मौत पर ह्यूमन राइट्स वॉच के साराह लिह विटसन ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति मोर्सी की मौत का कारण पिछले कई साल से सरकार द्वारा उनके साथ बुरा बर्ताव करना रहा है। उन्हें लंबे समय तक सही इलाज से वंचित रखा गया, जरूरी चिकित्सा सुविधाएं नहीं दी गईं और परिवार और वकीलों से भी नियमित तौर पर मिलने नहीं दिया गया। इन सबका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ा।'

Tanuja

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