फास्फोरस के अणुओं से पृथ्वी पर आया जीवन

Saturday, Jan 18, 2020 - 10:34 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए प्रमुख अणु कैसे पहुंचे इस बात का पता लगाने का दावा किया है। उन्होंने बताया है कि सेल मेटाबोलिज्म के लिए आवश्यक फॉस्फोरस के अणु, अंतरिक्ष से पृथ्वी तक कैसे पहुंच सकते हैं। यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी के खगोलविदों सहित शोधकर्ताओं की टीम ने रोसेटा स्पेसक्राफ्ट में लगे रोसिना उपकरण के माध्यम से मिले डाटा का अध्ययन कर बताया कि रासायनिक फॉस्फोरस मोनोऑक्साइड जीवन की उत्पत्ति का एक महत्वपूर्ण टुकड़ा है।

 

 

'रॉयल एस्ट्रोनॉमर्स सोसाइटी' जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में उत्तरी चिली के अटाकामा रेगिस्तान में 66 रेडियो दूरबीनों के एक नेटवर्क द्वारा अधिग्रहित डेटा का भी इस्तेमाल किया गया। इसे एटाकामा लार्ज मिलीमीटर- सबमिलीमीटर एरे (ALMA) कहा जाता है। एएलएमए का प्रयोग कर शोधकर्ताओं ने तारों के निर्माण होने वाले ब्रह्मांडीय क्षेत्र एएफजीएल-5142 में देखा और यह पता किया कि उस क्षेत्र में फॉस्फोरस के अणु कहां बनते हैं। यह क्षेत्र डस्ट और गैस से भरा हुआ है।

 

 

अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि जब बड़े पैमाने पर तारे बनते हैं तो फॉस्फोरस के अणुओं का निर्माण होता है। उन्होंने बताया कि नए तारे जब गैस छोड़ते हैं डस्ट के एनवायरमेंट में कैविटी (खाली जगह) बन जाती हैं। इन्हीं कैविटी में नए तारे के विकिरण और अन्य क्रियाओं से फास्फोरस से भरपूर अणुओं का निर्माण होता है। इनमें फास्फोरस मोनोऑक्साइड प्रचुर मात्रा में होता है। जब तारे पूर्ण विकसित हो जाते हैं जिससे ये कैविटी खत्म हो जातीं हैं आर फास्फोरस मोनोऑक्साइड जम जाती है। यह जमकर चट्टान, उल्कापिंड और धूमकेतु में बदल जाती है।

Ashish panwar

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