दुबई में बदलेगा ये कानून, भारतीयों में हड़कंप

Tuesday, Mar 14, 2017 - 02:26 PM (IST)

दुबईः कई भारतीय अपनी अघोषित संपत्ति दुबई में छिपाने की आखिरी जद्दोजहद में जुटे हैं क्योंकि वह काले धन वालों के लिए वैसा नहीं रहने वाला जो कभी हुआ करता था । जीं हां दुबई में टैक्स कानून बदलने वाला है जिससे यहां काला धन छुपाने वाले भारतीयों में हड़कंप मचा हुआ है। भारतीयों के लिए यह खाड़ी देश काला धन छिपाने का अक्सर आखिरी ठिकाना हुआ करता था। काले धन वाले जनवरी 2018 से पहले अपनी संपत्ति दुबई के वित्तीय ढांचों में कहीं खपा देना चाहते हैं क्योंकि जनवरी 2018 से यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) अपने बैंकों में भारतीयों के अकाउंट्स के जानकारी भारत सरकार से साझा करने लगेगा।

चूंकि UAE के बैंक अब ज्यादा छानबीन करने लगे हैं, इसलिए अपने विदेशी बैंक अकाउंट की सूचना सरकार को नहीं देने वाले कई समृद्ध भारतीय टैक्स, जुर्माना और संभावित कार्रवाई से बचने के लिए 'इंश्योरेंस रैपर्स' की आड़ ले रहे हैं। कंपनियों के लिए अकाउंट्स खोलने के लिए दुबई के बैंक भारत की टैक्स आई.डी., पासपोर्ट की कॉपियां और कभी-कभार इन कंपनियों में भारतीय शेयरहोल्डरों की मौजूदगी के प्रमाण मांगने लगे हैं।

विदेशी मुद्रा विनियमों के विशेषज्ञ के मुताबिक, बैंक अकाउंट्स खोलने के लिए पहले के 3-4 दिन के मुकाबले एक महीने से भी ज्यादा का वक्त ले रहे हैं। अघोषित आय को छिपाने की कार्यप्रणाली में आरबीआई से स्वीकृत उस उदार प्रेषण मार्ग (लिबरलाइज्ड रेमिटैंस रूट) का इस्तेमाल कर मौजूदा शेल कंपनियों के शेयर खरीदना शामिल है जिसमें भारतीयों को विदेश की संपत्ति और सिक्यॉरिटीज में सालाना 2,50,000 डॉलर (करीब 1.65 करोड़ रुपये) निवेश कर बाद में कंपनी के बैंक अकाउंट पर टैक्स छूट पाने की व्यवस्था है।
 

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