अफगानिस्तान में US आर्मी कैंप पर PAK ने कराया था हमला, ऐसे हुआ खुलासा

Saturday, Apr 16, 2016 - 12:33 PM (IST)

वाशिंगटन: पाकिस्तान के एक गुप्तचर अधिकारी ने 2009 में अफगानिस्तान में सी.आई.ए. के गुप्तचरों पर आत्मघाती हमला करने के लिए दो लाख डालर की रिश्वत दी थी । पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा अमरीकी गुप्तचर अधिकारियों पर हमले के लिए किसी आत्मघाती हमलावर को रिश्वत देने की बात अमरीका के गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किए जाने से सामने आई है और इसका खुलासा स्वयं एक स्वतंत्र अनुसंधान ग्रुप ने किया है । जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के एक स्वतंत्र गैर सरकारी अनुसंधान ने राष्ट्रीय सुरक्षा अभिलेखागार से सार्वजनिक किए गए अनेक दस्तावेजों को हासिल किया है । इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की गुप्तचर एजेन्सी इंटर सर्विसेज

इंटलिजेन्स डायरेक्टरेट तथा हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में अमरीका के गुप्तचर केन्द्र पर हमले के लिए जिम्मेदार थे । अफगानिस्तान में अमरीका के खोस्त के चपमान आपरेशन बेस पर हमला 30 दिसंबर 2009 को किया गया था । यह हमला जार्डन के एक डॉक्टर ने किया जो अल कायदा तथा तालिबान दोनों का एजेंट था । अमरीका की सेन्ट्रल इंटेलिजेन्स एजेंसी पर यह हमला सबसे बड़ा था और इसमें सात लोग मारे गए तथा 6 घायल हुए थे ।

फरवरी 2010 के दस्तावेज में कहा गया है कि पाकिस्तान की एक गुप्तचर एजेंसी के एक अधिकारी ने हक्कानी गुट के एक अन्य सदस्य को चपमान पर हमले के लिए 2 लाख डालर की रकम उपलब्ध कराई थी। अफगानिस्तान के खोस्त के सीमा कमांडर को एक लाख डालर की रकम देने की पेशकश की गई थी लेकिन बम विस्फोट से उसकी मौत हो गई थी।   पाकिस्तान के वाशिंगटन दूतावास के प्रवक्ता ने इस खुलासे पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है । सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों को काफी छानबीन के बाद जारी किया गया है और उसमें केवल यह कहा गया है कि यह एक सूचना रिपोर्ट है ।

दस्तावेज पूरी तरह सम्पादित है और उसके केवल दो अंशों आई.एस.आई. के हमले में शामिल होने और चपमान बस के अड्डे पर हमले पर चर्चा की गई । संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादी संगठन घोषित किया था । इससे एक वर्ष पहले अणरीकी नौसेना के एडमिरल मिक मुलेन ने कांग्रेस में यह कह कर हड़कंप मचा दिया था कि हक्कानी नेटवर्क आई.एस.आई. का सशस्त्र अंग है । 

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