शुरुआती चरण में ही कैंसर का पता लगाएगा हीरा

Monday, Oct 12, 2015 - 05:17 PM (IST)

सिडनी :मैग्नेटिक रिजोनेन्स इमेजिंग स्कैनिंग (एमआरआई स्कैनिंग) में प्रकाश देने के लिए हीरे का प्रयोग करके कैंसरयुक्त ट्यूमर का भयावह होने से पहले ही शुरुआती चरण में पता लगाया जा सकता है। जर्नल नेचर कॉम्यूनिकेशन्स में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के अनुसार, ‘‘हम जानते थे कि जहर रोधी और गैर प्रतिक्रियाशील गुणों के कारण नैनो हीरे का इस्तेमाल कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी के दौरान दवाएं देने के लिए कारगर है। 

जानकारी के मुताबिक, ‘‘हीरे में चुम्बकीय गुण होते हैं, जिसके कारण हमने इसके जहर रोधी गुणों को विकसित करके इन्हें एमआरआई में प्रकाश स्तंभ के रूप मे इस्तेमाल करने के बारे में सोचा।’’शोधार्थियों ने नैनो हीरे को हाईपरपोलराइज (हीरे के भीतर मौजूद अणुओं को कतार में लगाने की प्रक्रिया) करने की कोशिश की, ताकि वे एक ऐसा संकेत दे सकें जिसका एमआरआई स्कैनर आसानी से पता लगा सके।

अध्ययन के मुख्य शोधार्थी इवा राज के मुताबिक, ‘‘हाईपरपोलराइज्ड हीरे को कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाने वाले अणुओं के साथ मिला कर इस तकनीक से शरीर में इन अणुओं की गति पर भी नजर रखी जा सकती है।’’डेविड रीली के मुताबिक, ‘‘यह एक अच्छा उदाहरण है, जो बताता है कि क्वांटम फिजिक्स के द्वारा कई समस्याओं का हल मिल सकता है। इस शोध के बाद निश्चित तौर पर कैंसर के भयावह होने से पहले ही उसे रोकने में मदद मिलेगी।’’

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