इस देश में तेजी से फैल रहा खतरनाक वायरस, WHO ने दुनियाभर में जारी की इमरजेंसी

Friday, Jul 19, 2019 - 06:49 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: खतरनाक इबोला वायरस पूरी दुनिया को धीरे-धीरे अपने चपेट में लेता जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में पब्लिक हेल्थ इमरेंसी की घोषणा कर दी है। इस बीमारी के चलते डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में अभी तक करीब 1600 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। 


एक रिपोर्ट के अनुसार इबोला अविकसित और विकासशील देशों में तेजी से फैल रहा है क्योंकि इन देशों में जरूरी हेल्थकेयर और हेल्थ से जुड़े रिसोर्सेज की कमी है और बीमारी को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि भारत अब तक इबोला से सुरक्षित है। WHO ने इबोला बीमारी को वेरी हाई रिस्क प्रॉब्लम घोषित किया है और इस पर दुनियाभर में तुरंत सावधानी बरतने की जरूरत है। इस सप्ताह इबोला का पहला केस गोमा के एक शहर में पाया गया है। डब्ल्यूएच की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले चार बार जानलेवा बीमारी की वजह से इमरजेंसी लागू हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक इबोला का यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा प्रकोप है। 


वायरस का नाम क्यों रखा इबोला
इबोला वायरस का पता पहली बार 1976 में दक्षिण सूडान और कांगो में चला था। बाद में इबोला नदी के पास एक गांव में यह सामने आया था, जहां से इस वायरस का नाम इबोला रखा गया। वायरस का पता चलने के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर 2014-2016 में पश्चिम अफ्रीका में इसका कहर बरपा था जहां करीब 11,000 लोगों की जान चली गई थी। 

ऐसे फैलता है वायरस 

  • इबोला वायरस संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। 
  • इबोला से पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना, खून या दूसरे तरल पदार्थ से यह वायरस फैलता है। 
  • इस वायरस के कारण रोगी की मौत हो जाने के बाद भी संक्रमण का खतरा रहता है। 
  • संक्रमित चमगादड़ों के मल-मूत्र से संपर्क में आने से इबोला वायरल फैल सकता है। 


ईबोला के लक्षण

  • इबोला के संक्रमण से मरीज के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है।
  • त्वचा पीली पड़ जाती है, बाल झड़ने लगते हैं।
  • तेज रोशनी से आंखों पर असर पड़ता है।
  • पीड़ित मरीज बहुत अधिक रोशनी बर्दाश्त नहीं कर पाता।
  • आंखों से जरूरत से ज्यादा पानी आने लगता है। 
  • तेज बुखार आता है साथ ही कॉलेरा, डायरिया और टायफॉयड जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। 


वायरस से बचाव

  • बिल्कुल अलग जगह पर रख कर इबोला संक्रमण का होता है इलाज । 
  • मरीज में पानी की कमी नहीं होने दी जाती। 
  • उसके शरीर में ऑक्सीजन स्तर और ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने की जाती है कोशिश। 
  • पीड़ित रोगी की देखभाल करते समय उसके खून, लार व शरीर से निकलने वाले अन्य पदार्थों से बचना चाहिए। 

vasudha

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