पाकिस्तान में बच्‍चों के यौन अपराधों के मामले बढ़े, हर दिन 8 मासूम हो रहे शिकार

Sunday, Apr 11, 2021 - 04:23 PM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान में बच्‍चों के यौन अपराधों के मामलों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है । इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में बाल यौन शोषण, अपहरण और बाल विवाह सहित बच्चों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हुई है।  2020 में एक दिन  में देश में हर दिन आठ  मासूमों को शिकार बनाया गया। इससे पहले  2019 में भी यही आंकड़े थे और 2018 के  मुकाबले में यह 25 फीसदी कम बताए गए थे।

 

डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह रिपोर्ट बाल संरक्षण पर केंद्रित एक संगठन  साहिल द्वारा संकलित की गई  जो 2020 में 84 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अखबारों में दर्ज मामलों पर आधारित है। रिपोर्ट को गुरुवार को एक आभासी कार्यक्रम में लॉन्च किया गया था।  रिपोर्ट के अनुसार शोषण के सबसे अधिक शिकार  6-15 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे थे। इसके अलावा 0-5 वर्ष तक के बच्चों का भी यौन शोषण किया गया।

 

रिपोर्ट में दर्ज किए गए मामलों में से 985 गर्भपात, 787 बलात्कार, 89 पोर्नोग्राफी और बाल यौन शोषण और 80 यौन शोषण के बाद हत्या के थे। अपहरण, लापता बच्चों और बाल विवाह के मामले क्रमशः 834, 345 और 119 थे। बाल संरक्षण के लिए काम कर रहे गैरसरकारी संगठन 'साहिल' के मुताबिक पाकिस्तान के सभी 2019 में चार प्रांतों और साथ ही इस्लामाबाद, पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान से बाल अपराध से जुड़े कुल 2 हजार, 846 मामले दर्ज किए गए। 

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 778 बच्‍चों का अपहरण किया गया। 405 बच्चे लापता हो गए, 384 के साथ छेड़छाड़ हुई,  वहीं बलात्कार के 279, बलात्कार के प्रयास के 210, सामूहिक दुष्कर्म के 205 मामले और सामूहिक बलात्कार के 115 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा देशभर से 104 बाल विवाह के मामले भी सामने आए। पीड़ितों में से ज्यादातर  54 फीसदी लड़कियां थीं, वहीं 46 फीसदी लड़के थे।  पोर्नोग्राफी  से जुड़े कम से कम 70 मामलों की पहचान की गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में पाकिस्तान में बाल शोषण के कुल 3,832 मामले सामने आए थे।

 

Tanuja

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