UN ने कहा, मौसमी बीमारी बन सकता है कोरोना वायरस, कई सालों तक रहेगा खतरा

Thursday, Mar 18, 2021 - 10:38 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना वायरस ने वापसी की है। कोरोना की दूसरी लहर से एक बार फिर से मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं। सभी देश कोरोना की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठा रहे है। भारत में भी पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात में नाइट कर्फ्यू समेत कई कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nations) की ओर से कहा गया है कि बहुत जल्द यह महामारी एक मौसमी बीमारी बन जाएगी और कई सालों तक इसका खतरा बना रहेगा। 

अध्ययन के जरिए जुटाई जानकारी
संयुक्‍त राष्‍ट्र ने कहा कि हर साल जैसे अन्य मौसमी बीमारियां देशों में दस्तक देती हैं वैसे ही कोरोना वायरस भी हर साल मौसमी बीमारी की तरह हो जाएगा। दरअसल कोरोना वायरस पर अध्‍ययन कर रही विशेषज्ञों की एक टीम ने इसके प्रसार को लेकर जानकारी जुटाने की कोशिश की। विशेषज्ञों ने मौसम विज्ञान और वायु गुणवत्‍ता का अध्‍ययन किया तो पाया कि कोरोना वायरस अब मौसमी बीमारी की तरह अगले कुछ सालों तक इसी तरह से परेशान करती रहेगी। संयुक्त राष्ट्र के 'विश्व मौसम संगठन' द्वारा गठित 16-सदस्यीय टीम ने बताया कि सांस संबंधी संक्रमण अक्‍सर मौसमी होते हैं। मौसम और तापमान के मुताबिक ही कोरोना अपना असर दिखाएगा। अभी तक कोरोना पर काबू पाने के लिए जितने भी प्रयत्न किए गए गए हैं उस पर पानी फिरता नजर आ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ऐसे ही सारे प्रयास विफल होते रहे तो करोना एक मजबूत मौसमी बीमारी बन जाएगी और यह हर साल तंग करेगा। 

कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर
भारत समेत दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां कोरोना की दूसरी लहर दिखाई दे रही है। भारत में अगस्त में कोरोना के मामलों में कमी आने लगी थी और फरवरी माह तक कोरोना काफी हद तक काबू में था लेकिन मार्च की शुरूआत में कोरोना मामलों में एक बार फिर से उछाल आया है। बता दें कि साल 2020 में भी भारत में मार्च के महीने में ही कोरोना के केस बढ़े थे। वहीं ब्राजील, अमेरिका और ब्रिटेन में भी कोरोना के मामलों में उछाल आया है। 

हर हफ्ते बढ़ रहे कोरोना के 10% नए केस- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पिछले हफ्ते दुनिया में कोरोना मामलों में 10% की दर से वृद्धि हुई और इसमें सबसे ज्यादा योगदान अमेरिका और यूरोप का रहा। WHO ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी पर बुधवार को प्रकाशित साप्ताहिक आंकड़ों में बताया कि जनवरी के शुरुआत में महामारी अपने चरम पर थी और करीब 50 लाख मामले प्रति हफ्ते आ रहे थे लेकिन फरवरी के मध्य में इसमें गिरावट आई और यह 25 लाख के करीब पहुंच गई। WHO ने बताया कि यूरोप में नए मामलों में 6% की वृद्धि हुई जबकि मौतों की संख्या में लगातार कमी आई है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि सबसे अधिक मामले फ्रांस,इटली और पोलैंड में आए।

Seema Sharma

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