कोरोना की दवा खोज 3 प्रोफेसर रातों-रात बन गए 15-15 करोड़ के मालिक

Tuesday, Jul 28, 2020 - 06:09 AM (IST)

लंदन: ब्रिटेन के 3 यूनिवर्सिटी प्रोफैसर कोरोना की एक दवा खोजकर रातों-रात करोड़पति बन गए। प्रोफैसर रटको जुकानोविक, स्टीफन होलगेट और डोन्ना डेविस की कंपनी सिनैरजेन के शेयर के दाम में एक ही रात में काफी अधिक उछाल आया। अब तक शेयर का दाम 3 हजार फीसदी बढ़ चुका है। इस कंपनी ने कोरोना वायरस की एक दवा का ट्रायल किया था। ट्रायल में पता चला कि जिन मरीजों को दवा दी गई, उनमें से 79 फीसदी मरीजों के गंभीर रूप से बीमार पडऩे की आशंका काफी कम हो गई। असल में ब्रिटेन की साऊथैम्पटन यूनिवर्सिटी के मैडीसिन स्कूल के तीनों प्रोफैसरों ने करीब 20 साल पहले ही यह खोज की थी। 

उन्होंने पता लगाया था कि अस्थमा और क्रोनिक लंग डिजीज के मरीजों में इंटरफ्रीओन बीटा नामक प्रोटीन की कमी होती है। यह प्रोटीन कॉमन कोल्ड से लडऩे में मदद करता है। प्रोफैसरों ने पता लगाया कि जिस प्रोटीन की कमी है उसे अगर पूरा कर दिया जाए तो वायरल इंफैक्शन से लड़ने में मरीज को मदद मिलेगी। अपनी खोज को दवा में बदलने के लिए प्रोफैसर्स ने सिनैरजेन कंपनी बनाई। 

2004 में ही यह कंपनी स्टॉक मार्कीट में आ गई थी, लेकिन कोरोना महामारी शुरू होने के बाद कंपनी ने फरवरी और मार्च में इंटरफ्रीओन बीटा प्रोटीन वाली दवा एस.एन.जी. 001 का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया। इसी हफ्ते ट्रायल के शुरूआती रिजल्ट प्रकाशित किए गए। ट्रायल के दौरान सीधे मरीज के फेफड़ों में एस.एन.जी. 001 दवा दी गई। ट्रायल में पता चला कि दवा देने से मरीज के रिकवर होने की संभावना 2 से 3 गुना अधिक हो गई।

ट्रायल में 101 लोगों को शामिल किया गया था। ट्रायल के रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद 21 जुलाई को कंपनी के शेयर में काफी अधिक उछाल आ गया। कंपनी में महज 0.56 प्रतिशत से 0.59 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने के बावजूद शेयर के दाम में उछाल आने से तीनों प्रोफैसर 15-15 करोड़ रुपए के मालिक बन गए।

Pardeep

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