चीन ने शिनजियांग में सैकड़ों इमामों को बनाया बंदी, मरने से डरने लगे उइगर मुसलमान

Tuesday, Nov 24, 2020 - 03:43 PM (IST)

बीजिंगः चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर अमानवीय अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उइगर स्वायत्त क्षेत्र शिनजियांग में चीनी अधिकारियों ने सैकड़ों मुस्लिम इमामों को हिरासत में ले लिया है। इंटरनेशनल सिटीज ऑफ रिफ्यूज नेटवर्क (ICORN) से जुड़े नॉर्वे के एक कार्यकर्ता अब्दुवेली अयूप ने बताया कि शिनजियांग क्षेत्र के उइगरों के साक्षात्कार से पता चला है कि कम से कम 613 इमाम खत्म हो गए। 2017 की शुरुआत से 1.8 मिलियन उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इस क्षेत्र में विशाल नेटवर्क वाले नजरबंद शिविरों में रखा गया।

 

गुरुवार को वाशिंगटन स्थित उइगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट (UHRP) की मेजबानी में आयोजित एक वेबिनार 'इमाम कहां हैं? पर बोलते हुए अयूप ने कहा कि मैंने अपनी खोज में पाया कि यहा सबसे अधिक टारगेट धार्मिक मुसलमानों को बनाया गया । रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार इमामों की नजरबंदी के बाद उइगर लोग मरने से डरते हैं क्योंकि उनके अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं बचा। उइगर भाषा, शिक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के लिए 2013-2014 में जेल में रहने के दौरान यातना झेलने वाले अयूप ने कहा कि उन्होंने पूर्व शिविर में कम से कम 16 बंदियों का भी साक्षात्कार लिया था जिन्होंने कहा था कि शिनजियांग क्षेत्र में इमामों की गिरफ्तारी हुई है।

 

 एक रिपोर्ट के अनुसार नीदरलैंड में रहने वाले पूर्व बंदियों में से एक उसे बताया कि शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में लोगों को पंजीकरण करना होगा और किसी के मरने का इंतजार करना होगा। एक अन्य पूर्व बंदी ने कहा कि वे मरने से डरते हैं क्योंकि मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया है और इमामों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। अंतिम संस्कार की तो कोई उम्मीद ही नहीं होती है जो कि बहुत दुखद है। इस बीच, लंदन विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (SOAS) में एक प्रोफेसर राशेल हैरिस ने कहा कि इमाम उइगर समाज में टारगेट किए जाने वाले एकमात्र धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिला धार्मिक नेता भी उइगर समाज में बेहद महत्वपूर्ण हैं।

 

उन्होने कहा कि मस्जिदों की जगह घर में उनकी अहम भूमिका होती है। राशेल हैरिस ने कहा कि महिला धार्मिक नेता महिलाओ के लिए काम करती हैं  इसलिए वे महिलाओं के अंतिम संस्कार के बारे में बताती हैं। चीन के केबल्स के नाम से जाने जाने वाले क्लासीफाइड दस्तावेजों को पिछले साल इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने एक्सेस किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चीन सरकार दुनिया भर में उइगर मुसलमानों को नियंत्रित करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करती है। हालांकि, चीन नियमित रूप से इस तरह की हरकतों से इनकार करता रहा है और कहता है कि शिविर में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। 

Tanuja

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