चीन अब अपनी मर्जी से देश में करवाएगा बारिश

Thursday, Mar 29, 2018 - 02:23 PM (IST)

बीजिंगः कहते है कुदरत पर किसी का जोर नहीं होता। कुदरत मेहरबान हो तो बारिश से फसलें खिलखिला सकती हैं और अगर कुदरत रुष्ट हो जाए तो प्रलय भी आ सकती है लेकिन चीन का नया प्रोजेक्ट इस धारणा को बदल सकता है। चीन पानी के संकट से काफी समय से प्रभावित है। ऐसे में चीन एक ऐसे नेटवर्क पर काम कर रहा है जो बादलों को आकर्षित करने का काम करेगा। यानि कि चीन में अब पानी की कमी नहीं होगी। वो अपनी मर्जी से देश में बारिश करवा सकता है। चीन एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जो मौसम में बदलाव लाने का काम कर सकती है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बारिश की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि एक बार इस योजना के शुरू हो जाने पर आस-पास के क्षेत्रों में करीब 10 अरब घन मीटर तक बारिश को बढ़ाया जा सकेगा। चीन ने ठोस ईंधन से जलने वाली भट्टियों के एक नेटवर्क को तैयार किया है। इस नेटवर्क को ऊंचे तिब्बती पहाड़ों पर स्थापित किया जाएगा। इन भट्टियों को 5,000 मीटर से अधिक ऊंचाई, जहां ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है, वहां भी जलाया जा सकेगा। इन चेम्बर्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे कि ये बिना रखरखाव के महीनों तक जल सकता है। इन चैंबरों की मदद से इलाके में बारिश 1000 करोड़ क्यूबिक मीटर प्रति वर्ष बढ़ेगी। दरअसल ये चैंबर बर्फ और बादलों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे जिससे भारी मात्रा में बारिश होगी। यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।

इस प्रणाली का निर्माण चीन के एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन ने किया है और बर्निंग चैंबर्स को स्पेस साइंटिस्ट ने डिजाइन किया है। एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष लेई फानपी का इस परियोजना के बारे में कहना है कि इससे चीन में पानी की कमी को सुधारा जा सकेगा। इसके अलावा बादलों को नीचे लाने आदि के लिए भी प्लेन और ड्रोन का निर्माण किया जा रहा है। चीन ऐसा अकेला देश नहीं है जो इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है इससे पहले अमेरिका ने भी ऐसे प्रयोग किए हैं लेकिन चीन इस पर बड़े स्तर पर काम कर रहा है।

Punjab Kesari

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