चीन ने साउथ चाइना सी में तैनात किए बमवर्षक विमान, वियतनाम ने भारत को आगाह किया

Sunday, Aug 23, 2020 - 04:37 AM (IST)

पेइचिंगः चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसकी विस्तारवाद की नीति के कारण भारत समेत सभी पड़ोसी देश परेशान हैं। उनकी इन हरकतों ने वियतनाम को भी चिंता में डाल दिया है। चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में अपने युद्धक और बमवर्षक विमान H-6J को तौनात किया है। चीन की इस हरकत ने वियतनाम को चिंता में डाल दिया है। दक्षिण चीन सागर की बिगड़ती स्थिति को लेकर अब वियतनाम ने भारत को आगाह किया है और मामले की पूरी जानकारी दी है।

वियतनाम के राजदूत फाम सान्ह चाउ ने भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से शुक्रवार को मुलाकात की और साउथ चाइना सी में बिगड़ते माहौल की जानकारी दी। हालांकि, इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित पारासेल आइलैंड्स के सबसे बड़े क्षेत्र वूडी आइलैंड में H-6J बमवर्षक विमानों की तैनाती की है, जिससे पूरे इलाके का माहौल बिगड़ रहा है। 

वियतनाम के राजदूत ने श्रृंगला को बताया कि चीन ने इस हरकत से वियतनाम की संप्रुभता का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में वियतनाम की स्थिति बिल्कुल साफ है। उन्होंने यह भी कहा कि वियतनाम भारत के साथ मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदारी की तरफ तेजी से कदम बढ़ाने को तत्पर है। आपको बता दें कि चीन ने पिछले महीने अमेरिकी विमानवाहक पोतों की तैनाती का जवाब देने के लिए दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में H-6J बमवर्षक विमानों को तौनात किया है। अमेरिका कह चुका है कि चीन ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे साउथ चाइना सी उसका समुद्री साम्राज्य हो।

वहीं वियतनामी राजदूत और भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बैठक के दौरान चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चर्चा की। वियतनाम साथ रक्षा संबंध मजबूत करने के अलावा साउथ चाइना सी के तटीय इलाकों में तेल और गैस की खोज में भारत की बड़ी भूमिका चाहता है। वियतनाम ने इस मुद्दे पर चीन के विरोध को भी नजरअंदाज कर दिया है। उसने कहा कि जिस इलाके में भारत की भूमिका की मांग की जा रही है वह उसके एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन में आते हैं। इससे पहले भारत ने वियतनाम को 10 करोड़ डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) देकर पेट्रोल बोट्स खरीदने में मदद की थी। भारत ने वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर का एलओसी देना का ऐलान किया था, ताकि वियतनाम, भारत से अधिक मात्रा में रक्षा उपकरणों की खरीद कर सके।

Pardeep

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