चीन ने ‘दोस्त’ पाकिस्तान से किया फरेब, पैसे लेकर भी नहीं दे रहा मिसाइलों के स्पेयर पार्ट्स
Thursday, Jul 28, 2022 - 05:26 PM (IST)
इस्लामाबाद: चीन के साथ दोस्ती के दम भरने वाली पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका लगा है। चीन ने 5 साल पहले पाकिस्तान की ओर से खरीदी गईं सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए कल पुर्जे देने से इंकार कर दिया है जिस कारण पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की हालत खराब हो रही है। किसी भी हथियार सिस्टम को ऑपरेशनल रखने के लिए जरूरी होता है कि उसके लिए पर्याप्त मात्रा में कलपुर्जे मौजूद हों लेकिन चीन पेमेंट लेने बावजूद इनकी आपूर्ति नहीं कर रहा है।
चीन के इस झटके से उसके सप्लाइ को लेकर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। वेबसाइट दिफेसा ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन ने लगातार एयर डिफेंस के लिए जरूरी कलपुर्जों को नहीं देना जारी रखा तो पाकिस्तान को अपनी हवाई सुरक्षा को बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा। दरअसल, चीन ने साल 2017 में पाकिस्तान को HQ-16 (LY-80) मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति की थी। यह पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली है। इस मिसाइल सिस्टम की विशेषताओं पर नजर डालें तो HQ-16 को वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से लैस किया गया है।
यह उसे 360 डिग्री कवरेज करने और जटिल भौगोलिक स्थिति में भी काम करने की ताकत देता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सिस्टम में 477 खामियां निकलकर सामने आई हैं। इससे पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान अपनी हवाई सीमा को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्रत्येक प्रयास कर रहा है लेकिन उसके प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। इससे पहले मई-जून 2021 में चीनी कंपनी ने तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम को पाकिस्तान में तैनात किया था ताकि एयर डिफेंस सिस्टम की कमियों को दूर किया जा सके।
चीन का यह कदम भी बेकार साबित हुआ और उसमें व्याप्त कमियों को दूर नहीं किया जा सका। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम में आई खामियां बहुत ही ज्यादा है और यही वजह है कि उसे दूर नहीं किया जा सका। एक दूसरा चीनी इंजीनियरों का दल भी अक्टूबर में पाकिस्तान गया था लेकिन वह भी इसे ठीक नहीं कर सका।पाकिस्तान चीन के कर्ज के तले दबा हुआ है और यही वजह है कि वह चाहकर भी ड्रैगन पर दबाव नहीं बना पा रहा है। पाकिस्तान कंगाली की हालत में होने के बाद भी 6 और HQ-16 खरीदना चाहता है। यह सिस्टम 15 से 18 किमी की ऊंचाई पर अपने लक्ष्य की पहचान करके उसे तबाह करने के लिए बनाया गया है। इस सिस्टम की लक्ष्य को नष्ट करने की अधिकतम क्षमता 40 किमी है।