म्यांमार में तख्तापलट से टेंशन में चीन, अलोचना के बजाए गतिरोध दूर करने करने की दी सलाह

Tuesday, Feb 02, 2021 - 01:04 PM (IST)

बीजिंगः पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद चीन की टेंशन बढ़ गई है। विश्लेषकों के मुताबिक तख्तापलट से चीन के लिए नाजुक स्थिति बन गई  है क्योंकि पिछले दो दशकों में सैन्य जुंटा का समर्थन करने के बाद हालिया समय में वह सू ची के नियंत्रण वाली शासन व्यवस्था से निकटता दिखा रहा था। खबरों के मुताबिक म्यामां की सेना देश में ‘मिलिशिया समूह यूनाइटेड वा स्टेट आर्मी' को चीन द्वारा समर्थन दिए जाने से नाराज थी। चीन ने तख्तापलट पर सभी पक्षों से संविधान और कानूनी ढांचे के तहत गतिरोध दूर करने और देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने का आह्वान किया है।

 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘म्यांमार में जो कुछ हुआ है, हमने उसका संज्ञान लिया है और हम हालात के बारे में सूचना जुटा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘चीन, म्यामां का मित्र और पड़ोसी देश है। हमें उम्मीद है कि म्यांमार में सभी पक्ष संविधान और कानूनी ढांचे के तहत अपने मतभेदों को दूर करेंगे तथा राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।''

 

चीन, म्यांमार का महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार है और उसने चीन-म्यामां आर्थिक गलियारे (CMEC) में नौ अरब डॉलर का निवेश किया है। इस गलियारे के जरिए हिंद महासागर तक चीन की सीधी पहुंच होगी। कई देशों ने म्यांमार में तख्तापलट की आलोचना की है और क्या चीन भी आलोचना करेगा, इस सवाल का उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया।

 

वांग ने कहा, ‘‘मैंने इस मुद्दे पर चीन के आधिकारिक रुख से अवगत करा दिया है।'' उन्होंने दोहराया कि चीन का रुख है कि सभी पक्षों को सही तरीके से मतभेद दूर करने चाहिए।  चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अधिनायकवादी शासकों का समर्थन करती रही है। हालांकि, म्यांमार में चीनी मूल के अल्पसंख्यक समूहों और पहाड़ी सीमाओं के जरिए मादक पदार्थ के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण कई बार रिश्तों में दूरियां भी आयी है।  

Tanuja

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