दक्षिण चीन सागर से अमेरिकी जंगी पोत देख भड़का चीन, कहा- घुसपैठ बर्दाश्‍त नहीं करेंगे

Tuesday, Nov 29, 2022 - 05:20 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका और चीन कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। चीन जहां इस क्षेत्र को अपनी सीमा क्षेत्र बताता है वहीं अमेरिका मानता है कि ये अंतरराष्‍ट्रीय जल क्षेत्र है, जहां पर कोई भी कभी भी आ और जा सकता है। चीनी सेना का आरोप है कि अमेरिका का जंगी पोत मंगलवार को अवैध तरीके से उनकी जल सीमा दक्षिण चीन सागर में घुसा था। पीएलए के मुताबिक अमेरिकी जंगी जहाज को Spratly Islands के करीब देखा गया था। इसके बाद उस पर करीब से निगाह रखी गई। ये जंगी जहाज गाइडेड मिसाइल से लैस था। चीन ने अमेरिका के इस रवैये को चीन की सीमा में घुसपैठ करार दिया है। 

 

उधर, अमेरिकी नौसेना ने मंगलवारको  दक्षिणी चीन सागर में चीन के कब्जे वाले एक द्वीप के पास आयोजित ‘नौवहन की स्वतंत्रता संबंधी अभियान' पर चीनी विरोध   को खारिज कर दिया। एक असामान्य कदम उठाते हुए अमेरिकी  नौसेना के सातवें बेड़े ने मंगलवार के मिशन पर चीन की आपत्तियों का खंडन किया। उसने चीन की आपत्तियों को ‘‘अमेरिका के वैध समुद्री संचालन को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए  चीनी कार्रवाइयों की लंबी श्रृंखला में एक नयी घटना''करार दिया। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि चीन के व्यापक समुद्री दावे नौवहन और उस क्षेत्र में उड़ानों, मुक्त व्यापार और अबाधित वाणिज्य के साथ ही दक्षिण चीन सागर के तटीय देशों के आर्थिक अवसरों की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

 

 

नौसेना ने कहा कि जब तक कुछ देश ऐसे अधिकारों पर जोर देते रहेंगे जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत उनके अधिकारों से अधिक हैं, अमेरिका सभी के लिए गारंटीकृत समुद्री अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करता रहेगा। चीन ने अमेरिकी कार्रवाई को अवैध ठहराया और कहा कि उसने चेतावनी जारी करने और पोतों को भगाने के लिए वायु सेना और नौसैनिकों को लामबंद किया है। चीन के दक्षिणी थिएटर कमान के प्रवक्ता, कर्नल तियान जुनली के हवाले से कहा गया है, "अमेरिकी सेना की गतिविधियों ने चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। '' तियान ने कहा, "दक्षिण चीन सागर द्वीपों और उनके आस-पास के जलक्षेत्र पर चीन की निर्विवाद संप्रभुता है।"  


  
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर में बेशकीमती खनिजों समेत प्राकृतिक गैस का अपार भंडार है। चीन इसलिए इस क्षेत्र को अंतरराष्‍ट्रीय जल क्षेत्र का हिस्‍सा नहीं मानता है। वहीं, दुनिया में समुद्र के जरिए होने वाला 80 फीसद से अधिक व्‍यापार भी इसी क्षेत्र के जरिए होता है। यही वजह है कि, अे‍मेरिका इस क्षेत्र में सभी की निर्बाध आवाजाही चाहता है। दक्षिण चीन सागर के जिस क्षेत्र पर चीन अपना हक जताता है उसके कई और दावेदार भी हैं। लेकिन, ताकत में वे सभी चीन से बेहद कमजारे हैं। 

  

Tanuja

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