बिजली की गंभीर किल्लत से जूझ रहा चीन का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब

Wednesday, Jun 23, 2021 - 02:48 PM (IST)

बीजिंगः चीन का मुख्य व सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग कम बारिश, कोयले की बढ़ती कीमतों और तेजी से बढ़ते अंतर्देशीय औद्योगीकरण के चलते बिजली की गंभीर किल्लत से जूझ रहा है जिससे देश के आर्थिक उत्पादन में 10 प्रतिशत कमी आई है। निक्केई एशिया के अनुसार कारखानों में उत्पादन यूनिटस से लेकर कार्यालयों के कामकाज  तक इसका प्रभाव महसूस किया जा रहा है। एक जापानी स्वामित्व वाले मैटल स्पलॉयर ने स्थानीय अधिकारियों से बिजली कटों का कार्यक्रम पुनर्व्यवस्थित करने के लिए कहा है ताकि वे काम का शैड्यूल तय कर सकें ।

 

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बिजली की किल्लत कब तक रहेगी। होंडा मोटर के प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है। लेकिन अगर बिजली की कमी बढ़ जाती है, तो वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला अवश्य प्रभावित हो सकती है।। होंडा के एक अधिकारी ने कहा, "सप्ताह में दो बिजली कटौती  के साथ  हम अभी भी पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं।  गुरुवार को चीन के आर्थिक नियोजन निकाय, राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के एक प्रवक्ता ने  संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि ग्वांगडोंग और अन्य दक्षिणी प्रांत बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं।

 

निक्केई एशिया के अनुसार अनिवार्य बिजली कटौती के दौरान  कंपनियां सुरक्षा जैसे आवश्यक कार्यों के लिए केवल पर्याप्त बिजली का उपयोग कर सकती हैं। बता दें कि चीन की 8 प्रतिशत आबादी और कुछ चीनी सबसे बड़ी कंपनियां हुआवेई टेक्नोलॉजीज, इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता बीवाईडी, उपकरण समूह मीडिया और टेनसेंट होल्डिंग्स आदि  ग्वांगडोंग में ही हैं।

 

इस बीच अधिकारियों ने बिजली की कमी के लिए सूखे और गर्मी को जिम्मेदार ठहराया है।  मीडिया ने बताया कि गुआंग्डोंग में जनवरी से अप्रैल की शुरुआत तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई, जबकि औसत तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस अधिक था।  कोयले की बढ़ती कीमतों का असर भी बिजली की कमी का कारण बताया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि जून की शुरुआत में घरेलू कोयले की कीमतें 878 युआन (136 अमेरिकी डॉलर) प्रति टन थीं, जो कि 5,500  प्रति किलो के आधार पर लगभग 70 प्रतिशत अधिक थी। 

Tanuja

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