ताइवान पर पूर्ण आक्रमण की तैयारी में चीन, उच्चतम स्तर पर पहुंचा ग्रे जोन युद्ध: रिपोर्ट

Tuesday, Mar 02, 2021 - 02:32 PM (IST)

बीजिंगः चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन का ताइवान के  खिलाफ 'ग्रे-जोन' युद्ध का रवैया इस तनाव में और बढ़ौतरी कर रहा है। दरअसल चीन प्रोपेगैंडा, आर्थिक दबाव, ऑनलाइन अफवाहों और विघटन जैसी रणनीति का उपयोग करके ताइवान सरकार पर राजनीतिक दबाव डाल रहा है।'   फोकस ताइवान ने गुरुवार को स्थानीय सैन्य विशेषज्ञों के हवाला देते हुए लिखा कि ताइवान के खिलाफ चीन का 'ग्रे जोन' युद्ध अब उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजिंग उसके खिलाफ पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की तैयारी कर रहा है।  

क्या होता है ग्रे जोन युद्ध ?
ग्रे जोन युद्ध उन गतिविधियों को कहते हैं जो एक देश द्वारा दूसरे के लिए हानिकारक होती हैं। कभी-कभी इसे युद्ध का कार्य माना जाता है, लेकिन कानूनी रूप से यह युद्ध के कार्य नहीं होते हैं।सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा अनुसंधान संस्थान (INDSR) के विश्लेषक शू सिआओ-हुआंग ने कहा कि ग्रे-जोन युद्ध में, प्रतिद्वंदी अपरंपरागत उपकरण, रणनीति और गैर-राज्यीय संस्थाओं के उपयोग पर भरोसा करते हैं जो औपचारिक राज्य-स्तरीय आक्रमण को पार नहीं करते हैं।

चीन बढ़ा रहा ताइवान सरकार पर राजनीतिक दबाव
उन्होंने कहा कि दुश्मन के कार्यों की अस्पष्टता के कारण, 'ग्रे-जोन' युद्ध के लक्ष्य अक्सर अनिश्चित होते हैं कि कैसे तुरंत जवाब दिया जाए। शू ने कहा, 'पिछले सालों से बीजिंग ताइपे के खिलाफ 'ग्रे-जोन' युद्ध का संचालन कर रहा है। वह प्रोपेगैंडा, आर्थिक दबाव, ऑनलाइन अफवाहों और विघटन जैसी रणनीति का उपयोग करके ताइवान सरकार पर राजनीतिक दबाव डाल रहा है।' उन्होंने कहा कि ताइवान के खिलाफ इस तरह का युद्ध अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिसका मतलब यह हो सकता है कि बीजिंग पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की तैयारी कर रहा है। हालांकि उच्च तनाव का मतलब युद्ध होना जरूरी नहीं है।

सैन्य खतरे को लेकर हाई अलर्ट पर ताइवान
फोरम में पूर्व रक्षा मंत्री एंड्रयू यांग ने कहा कि बीजिंग ताइवान को राजनीतिक, सैन्य और मनोवैज्ञानिक रूप से नीचा दिखाने के उद्देश्य से 'युद्ध की प्रवृत्ति' में लगा हुआ है। यांग ने कहा कि सौभाग्य से हाल के सालों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ताइवान के पास चीन के सैन्य युद्धाभ्यास पर करीब से ध्यान दे रहा है और वे बीजिंग द्वारा बढ़ते सैन्य खतरे को लेकर भी हाई अलर्ट पर हैं। बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है। दूसरी ओर ताइपे ने अमेरिका सहित लोकतांत्रिक देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला कर रहा है, जिसका बीजिंग द्वारा बार-बार विरोध किया गया है।

 

Tanuja

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