चीन में प्रदर्शनों से दहशत में जिनपिंग सरकार !  बीजिंग में चप्पे-चप्पे पर कर दी पुलिस तैनात

Tuesday, Nov 29, 2022 - 03:30 PM (IST)

 

बीजिंगः चीन में सरकार की कोरोना नीति को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं । जीरो कोविड पॉलिसी कई लोगों को समझ से परे लग रही है क्योंकि मामले  फिर विस्फोटक रफ्तार से बढ़ने लगे हैं।  ऐसे में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।  कोविड-19 पाबंदियों के खिलाफ जारी   विरोध प्रदर्शन चीन के कई शहरों में फैल गए हैं। इन प्रदर्शनों ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। लोगों की नाराजगी कम करने के लिए अधिकारियों ने कुछ पाबंदियों में ढील दी है, लेकिन सरकार ने प्रतिबंधों को वापस लेने का कोई संकेत नहीं दिया है। मंगलवार को संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या थोड़ी कम 38,421 रही।

 

प्रदर्शनों ने जिनपिंग सरकार को दहशत में डाल दिया है और इसी कारण  बीजिंग में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है।  चीन की राजधानी बीजिंग में पुलिस की तैनाती और तापमान के जमाव बिंदू से नीचे जाने के कारण कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू कड़ी पाबंदियों के खिलाफ जारी प्रदर्शन मंगलवार को थम गया।इससे पहले बीते कुछ दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे थे। इन 38,421 संक्रमितों में से 34,860 में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखा है।

 

कोविड नीतियों के चलते जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी
मध्य बीजिंग में जमा हुए करीब चार दर्जन प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 नीतियों के चलते जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के समूहों को अलग-अलग करने के लिए इलाके को घेर लिया। नियमों के अनुसार एक जगह पर 12 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के पहचान पत्रों की जांच की। हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।  वहीं, हांगकांग में, प्रदर्शनकारियों ने चीनी विश्वविद्यालय के बाहर पोस्टर लगाए जिनपर लिखा था, “डरना मत, भूलना मत, माफ मत करना।” छात्रों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढंक रखा था। उन्होंने ‘‘कोई पीसीआर जांच नहीं, बल्कि इनसे आजादी चाहिए'' और ‘‘तानाशाही का विरोध करो, गुलाम मत बनो'' के नारे लगाए। इसके अलावा उन्होंने मुख्यभूमि चीन में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में नारे भी लगाए।  

 

2022 में ही 22 बार  शी के खिलाफ  सड़कों पर उतरे लोग
गौरतलब है कि चीन में  शी जिनपिंग के रात जनता के पास विरोध करने का कोई अधिकार नहीं । शी की हर बात को मानना व विरोध दर्ज न करवना जरूरी है। लेकिन समय के साथ चीन की जनता जागरूक  हुई है और अपने अधिकारों के प्रति सजग भी। कोरोना को लेकर लोग अब सरकार के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि अकेले 2022 में ही 22 ऐसे मौके सामने आए हैं जब चीन सरकार के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पहली बार राष्ट्रपति भी निशाने पर  हैं और  सरकार पर भी सवाल दागे जा रहे हैं।  सरकार  इन विरोध प्रदर्शन को स्वीकार  नहीं करती है और इन्हें छिपाने की भी पूरी कोशिश की जाती है। लेकिन इसी साल 22 ऐसे मामले सामने आ गए हैं जहां शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं।  शी जिनपिंग के लिए ये स्थिति असहज बन सकती है क्योंकि आज से पहले उनके खिलाफ कोई भी आवाज बुलंद नहीं करता था, लेकिन अब वहां के नागरिक ही उनकी नीतियों के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं। 

Tanuja

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